UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. इस चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक मुद्दा बड़ी तेजी से उठ रहा है, जिसका जिक्र सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी हर रैली में करते हैं. दरअसल, ये मामला है सचिन और गौरव की निर्मम हत्या का, जिसके बाद मुजफ्फरनगर में भयानक सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे. आइए जानते हैं क्या था पूरा मामला…
दरअसल, मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में साल 2013 में कथित तौर पर एक जाट समुदाय की लड़की के साथ एक मुस्लिम युवक आए दिन छेड़खानी करता था. लड़की ने युवक की शिकायत अपने भाईयों से की, जब लड़की के भाई युवक को समझाने उसके गांव पहुंचे तो वहां लड़की के दो ममेरे भाइयों गौरव और सचिन का विवाद बढ़ा और हिंसा में मुस्लिमों ने दोनों युवकों की जान ले ली. इस दौरान आरोपी पक्ष के एक मुस्लिम युवक की भी मौत हो गई. इसके बाद से मुजफ्फरनगर और शामली में जाट और मुस्लिम समुदाय के बीत दंगा भड़क उठा. इस दंगे में करीब 62 लोगों की मौत हुई थी.
मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में सचिन और गौरव की हत्या मामले में कोर्ट ने सभी 7 आरोपियों को दोषी करार दिया है. मामले में कुल 8 आरोपी चिन्हिंत किए गए थे, जिनमें से शाहनवाज नाम के आरोपी की पहले ही मौत हो गई. अन्य सभी 7 दोषियों को जेल भेज दिया गया.
हापुड़ के पिलखुआ में 30 जनवरी को एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने एक बार फिर इस दंगे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, ‘जो दंगा के मंसूबे के साथ अपना सिर उठाने का प्रयास कर रहे हैं, 5 सालों तक ये सभी लोग बिलों में घुसे थे.10 मार्च के बाद फिर उनके गलों में तख्ती दिखेगी. ये गर्मी जो अभी कैराना और मुजफ्फरनगर में कुछ जगहों पर दिख रही है, शांत हो जाएगी, क्योंकि गर्मी कैसे शांत होगी… ये तो मैं मई और जून में भी शिमला बना देता हूं.’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, ‘सचिन और गौरव की हत्या इसलिए हो गई, क्योंकि वह दोनों भाई अपनी बहन की रक्षा के लिए पूछने गए थे कि हमारी बहन को क्यों छेड़ते हो, इतना पूछने पर दोनों की हत्या कर दी गई. कोई भी भाई उस रक्षा सूत्र के लिए जो बहन रक्षाबंधन पर बांधती है भाई की कलाई पर, उसका दायित्व बनता है कि वह पूछे. लेकिन सत्ता के संरक्षण में पलने वाले गुंडों ने किस निर्मता से सचिन और गौरव की हत्या की थी, यह कौन भूल सकता है.”