Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने आज सुबह से ही यजदान अपार्टमेंट की अवैध बिल्डिंग को गिराना शुरू कर दिया है. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई टॉप फ्लोर से शुरू की गई है. बिल्डिंग को गिराने का काम मुंबई की एक कंपनी को सौंपा गया है. अवैध इमारत को गिराने में करीब एक माह का समय लग सकता है. एलडीए इंजीनियरों की लापरवाही के कारण आवंटियों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दरअसल, सरकारी अफसरों और इंजीनियरों की लापरवाही को बयां करती नजूल की जमीन पर बनी यजदान की ये अवैध बिल्डिंग पर प्रशासन का हथौड़ा चलना शुरू हो गया है. यजदान बिल्डर के पैसों से ही बिल्डिंग को गिराने का कार्य किया जा रहा है. इससे पहले रविवार को ही अवैध इमारत की चहारदीवारी को ध्वस्त कर दिया गया. फिलहाल, टॉप फ्लोर पर पहुंचे मजदूर ऊपर से गिराने के लिए हथौड़ा चला रहे हैं. इसके बाद छठे फ्लोर को तोड़ने के लिए पोकलैंड मशीन चढ़ाई जाएगी.
लखनऊ के प्राग नारायण रोड स्थित यजदान बिल्डर की इस इमारत को तैयार करने में करीब पांच साल का समय लगा था. इसके बाद अब कहीं जाकर लखनऊ विकास प्राधिकरण की नींद खुली और पता चला कि नजूल की भूमि पर बनी इस बिल्डिंग का मानचित्र नियमों को ताक पर रखकर तैयार किया गया था, और एलडीए के अधिकारियों ने भी बिना कुछ देखे मानचित्र को पास भी कर दिया.
हालांकि, साल 2016 में इस इमारत को सील किया गया था. इसके बाद भी निर्माण का कार्य चलता रहा. इसके बाद साल 2019 में कोर्ट ने यजदान अपार्टमेंट को तोड़ने का आदेश जारी किए थे. इसके बाद बिल्डर ने मंडलायुक्त कोर्ट में अपील की, वहां भी अपील खारिज कर दी गई, जिसके बाद इमारत का कुछ हिस्सा ध्वस्त किया गया था. हालांकि, पूरी इमारत उस वक्त भी नहीं गिराई गई. इस पूरी कार्रवाई का खामियाजा आवंटियों को उठाना पड़ रहा है.