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Friday, March 29, 2024

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Adopt A Heritage: मथुरा के कुसुम वन सरोवर और रसखान की समाधि के लिये स्मारक मित्र का चयन

Adopt A Heritage (अडाप्ट-ए-हेरिटेज) नीति के तहत मथुरा के कुसुम वन सरोवर व रसखान की समाधि के विकास के लिए जीएलए यूनिवर्सिटी को स्मारक मित्र चुना गया है. भारत सरकार ने 'एक विरासत अपनायें: अपनी धरोहर, अपनी पहचान' योजना शुरू की थी. इसी के तहत यह एमओयू हुआ है.

Mathura News: Adopt A Heritage scheme (अडॉप्ट-ए-हेरिटेज) एक विरासत अपनायें: अपनी धरोहर, अपनी पहचान योजना के तहत स्मारकों की देखरेख व विकास के लिये निजी संस्थाएं तेजी से आगे आ रही हैं. इसी योजना के तहत मथुरा के कुसुम वन सरोवर व रसखान की समाधि के विकास के लिए जीएलए यूनिवर्सिटी (GLA University) आगे आयी है. इस यूनिवर्सिटी के साथ इन ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण व विकास के लिए पांच साल का अनुबंध किया गया है.

अगस्त 2021 में Adopt A Heritage नीति की गई थी लागू

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार अपनी धरोहर-अपनी पहचान के तहत अभिरुचि की अभिव्यक्ति (EOI) के माध्यम से 02 स्मारकों कुसुम वन सरोवर एवं रसखान की समाधि के विकास व रख रखाव के लिये स्मारक मित्र के रूप में जीएलए युनिवर्सिटी से 05 वर्ष के लिए समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर कराया गया है. प्रदेश के विभिन्न स्मारकों, प्रचीन स्थलों के विकास, रखरखाव एवं जनसुविधाओं के प्रबंधन, सार्वजनिक उद्यमों एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी से और उनके स्वयं के संसाधनों से कराये जाने के उद्देश्य से अगस्त 2021 में Adopt A Heritage नीति लागू की गई थी. इसी के तहत यह कार्रवाई हो रही है.

सार्वजनिक उद्यम, पीएसयू, एनजीओ बन सकते हैं स्मारक मित्र

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस नीति के तहत किसी भी निजी क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यम, पीएसयू एवं एनजीओ या व्यक्ति को स्मारक मित्र बनाया जा सकता है. स्मारक मित्र से सार्वजनिक जन सुविधाएं, पहुंच मार्ग, पाथ-वे, स्थलों की स्वच्छता, सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था, सूचना पट्ट, दिव्यांगजन के लिये शौचालय, रैम्प, व्हीलचेयर, कैफेटेरिया, लाइट एंड साउंड शो के कार्य कराये जायेंगे.

पहले चरण में 11 स्मारकों का चयन

पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस नीति के तहत प्रथम चरण में 11 स्मारकों/पुरास्थलों का चयन किया गया है. जिसमें लखनऊ की छतर मंजिल, फरहत बख्श कोठी, गुलिस्तां ए इरम, दर्शन विलास कोठी, हुलास खेड़ा उत्खनन स्थल लखनऊ, गोवर्द्धन की छतरियां मथुरा, गुरूधाम मंदिर, कर्दमेश्वर महादेव मंदिर, वाराणसी, चुनार किला मिर्जापुर, प्रचीन दुर्ग बरुआसागर झांसी आदि शामिल हैं.

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