नयी दिल्ली:समाजवादी पार्टी (सपा) ने देश में नरेंद्र मोदी की लहर के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि अगर ऐसा माहौल होता तो भाजपा के बड़े नेता सुरक्षित सीट नहीं ढूंढते और इस राष्ट्रीय पार्टी को ‘हताशा’ में छोटे-छोटे दलों से गठबंधन करने की जुगत नहीं करनी पड़ती.सपा महासचिव नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘‘यदि मोदीजी की लहर होती तो फिर ये छोटे-छोटे दलों से समझौता क्यों कर रहे हैं ? अपना दल-पराया दल, पता नहीं किन किन दलों को साथ लेने की कोशिश में हैं. इन दलों का कोई अपना अस्तित्व नहीं है. भाजपा में कहीं न कहीं हताशा है. अगर लहर है तो देश में भाजपा को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए. वह सहयोगियों की तलाश क्यों कर रही है ? ’’
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि भाजपा की अपनी अंदरुनी स्थिति के बारे में पता है. उसे मालूम है कि वह सत्ता में नहीं आ रही है. अगर इस पार्टी के पक्ष में कोई माहौल होता तो उसके नेता सुरक्षित सीट नहीं ढूंढते और सहयोगियों की तलाश नहीं करते.’’अग्रवाल ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘आज तक कोई सर्वेक्षण सपा के पक्ष में नहीं रहा है. वास्तविक परिणाम इन सर्वेक्षणों से उलट होते हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी ये सर्वेक्षण गलत साबित हुए. मीडिया में सिर्फ भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया जा रहा है.’’ यह पूछे जाने पर कि सपा मोदी को अपने लिए चुनौती मानती है, तो अग्रवाल ने कहा, ‘‘नेता जी (मुलायम) कह चुके हैं कि हमारी लड़ाई भाजपा से है. हमने हमेशा भाजपा को रोका है. उसे रोकना हमारी जिम्मेदारी है और इस बार भी हम इस जिम्मेदारी को पूरी तरह निभाएंगे.’’ राज्यसभा सदस्य अग्रवाल ने आरोप लगाया कि मोदी के कारण भाजपा के भीतर ही भारी उठापठक चल रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा में विद्रोह की स्थिति है. आडवाणी जी अपनी पीड़ा व्यक्त कर चुके हैं. सुषमा स्वराज पीड़ा व्यक्त कर चुकी हैं. डॉक्टर (मुरली मनोहर) जोशी भी कुछ ऐसा कर चुके हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी समय समय पीड़ा व्यक्त करते रहे हैं. खुद मोहन भागवत जी ने कहा कि नमो नमो क्या होता है, भाजपा विचारधारा से चलती है.’’ सपा नेता ने कहा, ‘‘भाजपा ज्वालामुखी के पर्वत पर बैठी हुई है. यह कभी भी फट सकता है. एक बार टिकट बंट जाने दीजिए, फिर देखिए क्या घमासान मचता है.’’