।।राजेन्द्र कुमार।।
सुल्तानपुर:राजनाथ सिंह और नरेन्द्र मोदी और राजनाथ सिंह सरीखे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता भले ही यह खुलासा करने से बच रहे हैं कि वह किस संसदीय क्षेत्र से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, परन्तु भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वरुण गांधी इस मामले में कोई पर्दा नहीं रखना चाहते. इसी सोच के तहत मंगलवार को वरुण गांधी ने कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले सुल्तानपुर में एक रोड शो कर यहां से आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया. वरूण अभी पीलीभीत से सांसद हैं.
वरुण ने सुल्तानपुर में एक रैली को भी संबोधित किया. रैली में उन्होंने अपने पिता स्व.संजय गांधी के सुल्तानपुर से रिश्ते को जज्बाती तरीके से उठाया और कहा उनके (पिता) सपनों को पूरा करने के लिए ईश्वर ने मुझे यहां की जनता के लिए उन्हे भेजा है. मैं यहां नेता नहीं बेटे के रूप में आया हूं और मैं यहां से ऐसी नई राजनीति की शुरूआत करना चाहता हूँ, जिसके जातिवाद धर्मवाद से नहीं कर्म से लोगों को देखा जाए. कादीपुर के जूनियर हाईस्कूल परिसर में वरुण गांधी के इस कथन को यहां के लोगों ने पसंद किया.
करीब 20 मिनट के अपने संबोधन के दौरान वरुण गांधी ने सुल्तानपुर के विकास को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर कई वर्षो से नेतृत्वविहीन और राजनैतिक रूप से अनाथ है. बल्कि विकास के मामले में भी बहुत पीछे है. मैं यहां आना चाहता हूं विकास के एक रास्ते के रूप में. आप लोग मेरा मार्गदर्शन करे. चुनाव के बाद आपके बीच में पहुंच कर आपसे पूंछ कर काम करुंगा और समूचे क्षेत्र को चमका कर रख दूंगा.
जनता से यह वादा करते हुए वरुण गांधी ने अखिलेश सरकार पर हमला बोला और कहा कि यूपी सरकार विकास कार्य कराने के मामले में भेदभाव करती है. कन्नौज, मैनपुरी और इटावा में जो विकास हो रहा है वैसा पूरे प्रदेश मे क्यों नहीं. वरुण के मुताबिक सपा हो या बसपा की सरकार मैंने किसी की परवाह ना करते हुए अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में काम करके दिखाया है. वहां में चुनाव जीतने के बाद हर गांव में तीन बार गया हूं. उसी तरह मैं अब यहां पर राजनीतिक करना चाहता हूं. केवल बड़े परिवार के आसपास सिमटी राजनीति को सामान्य जन के अवसर में बदलना चाहता हूं.
रोचक होगा नजारा :
सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से वरुण गांधी के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अब यह तय हो गया है. इस संसदीय क्षेत्र में चुनाव बहुत रोचक होगा क्योंकि सुल्तानपुर और अमेठी संसदीय सीट एक-दूसरे से सटी हैं. यह पहला मौका होगा जब देश के प्रमुख इंदिरा – नेहरू घराने के दो उत्तराधिकारी अगल-बगल की सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों एक-दूसरे पर निशाना साधते हैं या नहीं. हालांकि अभी तक आम तौर पर वरुण और राहुल एक-दूसरे पर हमला बोलने से बचते रहे हैं. मंगलवार को भी वरुण ने राहुल गांधी पर कोई कड़ी टिप्पणी नहीं की. ऐसे में जब दोनों एक-दूसरे के अगल-बगल की सीट से चुनाव मैदान में होंगे, तो भी क्या उसी मर्यादा का पालन करेंगे अथवा बदली भूमिका में एक-दूसरे पर वार व पलटवार करेंगे. यह देखना होगा. अमेठी राजपरिवार के डा.संजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर सुल्तानपुर से बीते लोकसभा चुनाव में जीते थे.