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आरएसएस के एजेंडे में कश्मीर की सत्ता, राम मंदिर ठंडे बस्ते में

-लखनऊ से राजेंद्र कुमार- केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की नजर अब जम्मू कश्मीर पर टिक गयी है. संघ का शीर्ष नेतृत्व कश्मीर में भाजपा को सत्ता पर काबिज देखना चाहता है और अपनी इस मंशा की पूर्ति के लिए संघ कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा […]

-लखनऊ से राजेंद्र कुमार-

केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की नजर अब जम्मू कश्मीर पर टिक गयी है. संघ का शीर्ष नेतृत्व कश्मीर में भाजपा को सत्ता पर काबिज देखना चाहता है और अपनी इस मंशा की पूर्ति के लिए संघ कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए जमीन तैयार करने में जुटेगा.

यही नहीं कश्मीर में संघ और भाजपा का प्रभाव बढ़ाने की रणनीति भी संघ की लखनऊ में हो रही तीन दिवसीय कार्यकारी मंडल की बैठक में देश के कई अन्य मुद्दों पर चर्चा करते हुए तैयार की जायेगी.राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसवले ने यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए ये संकेत दिया.

इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर संघ का दबाव होने की बात को खारिज कर दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की सराहना की. दत्तात्रेय ने जम्मू कश्मीर में आयी भीषण बाढ़ का जिक्र किया और कहा कि बाढ़ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से आनन फानन में जम्मू कश्मीर सरकार की मदद की, सेना को बाढ़ पीडि़तों की मदद में लगाया और संघ के कायोकर्ताओं ने मौके पर जाकर जरूरतमंदों की सहायता की, उसे कश्मीरी अवाम ने सराहा.

दत्तात्रेय ने बताया कि कश्मीर में आयी बाढ़ के दौरान 600 स्वयं सेवकों ने 3885 बाढ़ पीडि़तों को बचाया. घायलों के इलाज के लिए 140 मेडिकल कैम्प लगाए, जिनमें करीब 21000 बीमार लोगों का इलाज किया और अब भी संघ के कार्यकर्ता इस दैवी आपदा में अपना घरद्वार खो चुके लोगों को पुन: बसाने के काम में लगे हुए हैं.

ऐसे में अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक की तीन दिवसीय बैठक में बाढ़ से प्रभावित कश्मीरियों के पुनर्वास के साथ ही उन्हें संघ तथा भाजपा के साथ कैसे जोड़ा जाये, इसकी रणनीति तैयार की जाएगी. ताकि कश्मीर की सत्ता पर आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को काबिज किया जा सके.

दत्तात्रेय के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों में हो रही घुसपैठ को रोकने को लेकर भी संघ चिंतित है और इस मसले पर भी चर्चा कर संघ कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए जाएंगे. बैठक में संघ की शाखाओं का विस्तार करने पर भी विचार विमर्श होगा और संघ के जुड़े लोगों को जोड़ने रखनी की रणनीति भी तैयार होगी.

लखनऊ में हो रही संघ की बैठक को लेकर कुछ राजनीतिक दलों द्वारा उठाये गये सवालों पर संघ के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसवले ने कहा कि लखनऊ में इसके पहले प्रतिनिधि सभा की बैठक हो चुकी है. कार्यकारी मंडल की बैठक हर वर्ष दशहरा और दीपावली के बीच में होती है. उसी क्रम में इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने देश में संघ के बढ़ते प्रभाव का भी जिक्र किया और कहा कि पिछले एक वर्ष के अन्दर संघ 1800 स्थानों पर पहुंचा.

जिसके चलते 4500 शाखाएं बढ़ी हैं. 1.25 लाख लोग प्राथमिक शाखाओं में सम्मिलित हुए हैं. इसके अलावा जिन लोगों के पास समय का अभाव है उनके लिए 1500 साप्ताहिक शाखाएं स्थापित की गयी हे. उन्होंने बताया कि आठ से दस प्रांतों में 20 प्रतिशत कार्यक्षेत्र में वृद्वि हुई है. हर महीने इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. जबकि बडे़ पैमाने पर लोगों का संघ की विचारधारा से प्रभावित होकर जुडने का काम जारी है.

राम मंदिर के लिए अभी पूरे पांच साल: संघ

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को अयोध्या में राममंदिर निर्माण की कोई जल्दी नहीं है. संघ के सह सर कार्यवाह दत्रात्रेय होसबोले ने शुक्रवार को संघ के इस मत को सार्वजनिक किया. दत्रात्रेय के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार के पास अभी पांच साल का समय है और राम मंदिर मुद्दा उसके एजेंडे में है.

लिहाजा भाजपा पर मंदिर निर्माण के लिए दबाव डालने का कोई औचित्य नहीं है. अभी केंद्र सरकार को देश के विकास के साथ दूसरे अन्य आवश्यक कार्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा. राम मंदिर देश का एक अहम मुद्दा है और जब मंदिर निर्माण के लिए धर्माचार्य और संत आगे आएंगे तो संघ उनकी पूरी मदद करेगा.

यह दावा करते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि संघ पूरे देश की समस्याओं पर विचार करता है. इस समय देश के सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा करना एक बड़ी चुनौती है .

शुचिता, समरता, पर्यावरण, सेवा की भावना पैदा करना देश के लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण है. लव जिहाद को लेकर देश में हो विवाद को लेकर पूछे गए एक सवाल पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सहकार्यवाह ने कहा कि बैठक में इस मामले पर भी चर्चा हो सकती है. वैसे भी संघ तो बीते दस वर्षों से यह मुद्दा उठा रहा था. मीडिया में तो अब इस प्रकरण पर चिंता जतायी है.

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