नौतन. कौन कहता है कि आसमां में सुराग नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो. इस वाक्य को श्रेयसी श्रीवास्तव ने अपने खुद के परिश्रम के बदौलत चरित्रार्थ किया है. अपने बल बूते और माता शिक्षिका निशा कुमारी पिता मुनेशवर वर्मा के सहयोग से श्रेयसी ने पहले ही प्रयास में जेई मेंस परीक्षा पास कर खडडा कुंजलही गांव का नाम रोशन कर दिया. वर्ष 2022 में संत माइकल एकेडमी बेतिया से मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद यह सफलता हासिल की. श्रेयसी को 84.35 फीसदी अंक मिले हैं. उसने अपनी सफलता के पीछे माता पिता का आशीर्वाद मानती है. उनका सपना है कि समाज में गरीबों को सेवा करना तथा नर नारी में कोई भेदभाव का बर्ताव नहीं करें.
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