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माआेवादी नल्ला भिक्षापति को कोर्ट ने सुनायी उम्रकैद की सजा

सजा. नक्सलियों को रॉकेट लांचर बनाने की देता था ट्रेनिंग चाईबासा : प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के टेक्निकल कमेटी के सदस्य सह रॉकेट लांचर बनाने और प्रशिक्षण देने के आरोपी नल्ला भिक्षापति को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय दिनेश राय की अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ […]

सजा. नक्सलियों को रॉकेट लांचर बनाने की देता था ट्रेनिंग

चाईबासा : प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के टेक्निकल कमेटी के सदस्य सह रॉकेट लांचर बनाने और प्रशिक्षण देने के आरोपी नल्ला भिक्षापति को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय दिनेश राय की अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही नल्ला पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. बंदगांव थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी सूरज उरांव के बयान पर 9 अक्तूबर 2010 को थाने में नल्ला के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
दर्ज मामले में बताया गया कि घटना वाले दिन नक्सलियों के खिलाफ एलआरपी चलाया जा रहा था. 8 अक्तूबर 2010 को पुलिस की टीम जंगल में एलआरपी करते हुए बंदगांव के हुडुर गांव पहुंची. उसी दौरान सूचना मिली की पोडेंगेर जंगल में भाकपा माओवादी संगठन के सदस्यों का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है. सूचना के सत्यापन करने के लिए सीआरपीएफ व झारखंड पुलिस के जवानों के साथ 9 अक्तूबर को पुलिस के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस टीम पोडेंगेर जंगल पहुंची.
साथी संग बाइक से जा रहा था, तभी पकड़ाया
घटना के समय नल्ला भिक्षापति अपने एक साथी के साथ बाइक पर कहीं जा रहा था. इसी दौरान कांबिंग चला रहीं पुलिस को देख वे भागने लगे थे. शक होने पर पुलिस ने बाइक का पिछा कर नल्ला को पकड़ लिया था. जबकि उसका साथी भाग निकलने में कामयाब रहा. पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ में नल्ला टूट गया. उसने पुलिस को बताया कि वह नल्ला भिक्षापति उर्फ माधव उर्फ रवि उर्फ सुभाषजी के नाम से संगठन में जाना जाता है. तलाशी में उसके पास से एक जुट थैला में 25 पीस जिलेटिन, 10 पीस डेटोनेटर के अलावा साबुनदानी में भरे बुस्टर, दो मोबाइल, कैमरा आदि सामान बरामद हुए थे.
टेक्निकल कमेटी का सदस्य है नल्ला
पूछताछ में नल्ला भिक्षापति ने खुद को प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के टेक्निकल कमेटी का सदस्य बताया. वह 1991 में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था. इससे पूर्व भी वह जेल गया था. जेल से छूटने के बाद 1996- 2000 तक इंदौर (भोपाल) में मोटार्र लांचर, मोटार्र सेल रॉकेट लांचर आदि बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया. इसके बाद से भाकपा माओवादी संगठन के सदस्यों को जंगलों में प्रशिक्षण देने लगा. नल्ला मूल रूप से आंधप्रदेश के वारंगल जिले का रहने वाला है. 1991 से भाकपा माआ॓वादी के पूववर्ती संगठन पीपुल्स वार ग्रुप, पीडब्ल्यूजी के जरिये नक्सली गतिविधियों से जुड़ा रहा था.

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