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पुलिस छापे से पहले नॉन बैंकिंग के अफसर फरार

चाईबासा. कंपनी के दो कार्यालय सील, दस्तावेज जब्त चाईबासा/चक्रधरपुर : नॉन बैंकिंग कंपनी ऑरेंज विलियम लिमिटेड के चाईबासा व चक्रधरपुर स्थित कार्यालय में बुधवार को जिला पुलिस ने छापेमारी कर दोनों कार्यालय सील कर दिया. हालांकि, छापेमारी की सूचना पूर्व में मिल जाने के कारण कंपनी के पदाधिकारी फरार हो गये. पुलिस ने कार्यालय से […]

चाईबासा. कंपनी के दो कार्यालय सील, दस्तावेज जब्त

चाईबासा/चक्रधरपुर : नॉन बैंकिंग कंपनी ऑरेंज विलियम लिमिटेड के चाईबासा व चक्रधरपुर स्थित कार्यालय में बुधवार को जिला पुलिस ने छापेमारी कर दोनों कार्यालय सील कर दिया. हालांकि, छापेमारी की सूचना पूर्व में मिल जाने के कारण कंपनी के पदाधिकारी फरार हो गये. पुलिस ने कार्यालय से लैपटॉप, कंप्यूटर व कागजात जब्त किये हैं. चाईबासा कार्यालय से तीन कर्मचारियों और चक्रधपुर कार्यालय से एक महिला कर्मचारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
चाईबासा के टुंगरी स्थित सुभाष चौक के पास प्रशासनिक अनुमति के बिना संचालित उक्त कंपनी के कार्यालय में डीएसपी (हेडक्वार्टर) प्रकाश सोय के नेतृत्व में सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक छापेमारी की गयी. कार्यालय से एक लैपटॉप, एक डेस्कटॉप, रजिस्टर, करीब दो लाख रुपये की रसीद व 66 हजार रुपये नकद जब्त किये गये. पुलिस ने कार्यालय सील कर कंपनी के दिल्ली स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के अकाउंट को फ्रीज कर दिया. इसमें करीब दो लाख रुपये जमा हैं.
कंपनी का मैनेजर फरार : छापेमारी की सूचना पूर्व में मिल जाने के कारण चक्रधरपुर से चाईबासा आ रहे कंपनी का मैनेजर रास्ते से फरार हो गया.
पुिलस छापे से पहले नॉन…
कई घंटे का समय देने के बावजूद कंपनी के कर्मचारी आरबीआइ, सेबी या प्रशासनिक मंजूरी के दस्तावेज नहीं दिखा पाये. छापेमारी में सर्किल इंस्पेक्टर केके महतो, सदर थाना प्रभारी अनिल सिंह, मुफ्फसिल थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह समेत पुलिस कर्मचारी शामिल थे.
कर्मचारी नहीं दिखा पाये प्रमाण पत्र : पुलिस अधिकारियों ने कर्मचारियों से कंपनी के प्रमाण पत्र की मांग की. ऑन द स्पॉट कर्मचारी नहीं दिखा सके. देर शाम तक कर्मचारियों को आरबीआइ अप्रूवल दिखाने को कहा गया, लेकिन नहीं दिखा सके. कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी के तीन डायरेक्टर हैं. इनमें अरविन्द सेठ, आनंद कुमार बसु व अलीम रहमान शेख शामिल हैं. कंपनी दिल्ली, नोयडा व कोलकाता से संचलित होती है.
कंपनी लाभुकों से उठाये गये पैसे शेयर बाजार (यूरो, डॉलर) में इनवेस्ट करती है. देश के दूसरे हिस्से में कंपनी 2011 से चल रही है. पुलिस का कहना है कि अगर कंपनी दस्तावेज नहीं दिखा सकती है, तो कंपनी तीनों डायरेक्टर, शाखा प्रबंधन, हिरासत में लिए गए तीनों कर्मचारी व एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा.
नॉन बैंकिंग कंपनी ऑरेंज बुलियन लिमिटेड के चाईबासा कार्यालय में छापामारी कर विभिन्न दस्तावेज व नकद जब्त किये गये हैं. कंपनी ने आरबीआइ का अप्रूवल नहीं दिखाया है. कंपनी के बैंक खाते व दफ्तर को सील कर दिया गया है.
– प्रकाश सोय, डीएसपी (हेडक्वार्टर)
छापामारी से 10 मिनट पहले संचालक, कर्मचारी व एजेंट फरार : बताया जाता है कि चक्रधरपुर ऑफिस में छापेमारी के दस मिनट पहले संचालक, कर्मचारी व एजेंट फरार हो गये. कार्यालय में चाय बनाने वाली एकमात्र महिला कर्मचारी मौजूद थी. महिला कर्मचारी ने बताया कि कंपनी के संचालक ओड़िशा के रायरंगपुर व बहालदा के निवासी हैं. चक्रधरपुर के जग्गू दीवान के समीप एक किराये के मकान में रहते थे. संचालक फिलहाल फरार है.
कागजातों की छानबीन के बाद होगी कार्रवाई : एसडीपीओ. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय केरकेट्टा ने कहा कि छापेमारी में कागजात, कंप्यूटर व अन्य सामग्री जब्त की गयी हैं. कर्मचारी व संचालक के फरार होने से कंपनी पर संदेह है. जब्त कागजातों की जांच होगी. इसके बाद आगे कार्रवाई की जायेगी.
ऑरेंज बुलियन लिमिटेड के चाईबासा और चक्रधरपुर स्थित कार्यालयों में हुई छापेमारी, हिरासत में कर्मचारी
छापेमारी होते ही सात खातों में 18 लाख भेजे
कंपनी के चाईबासा शाखा में छापेमारी की सूचना मिलते ही ऑनलाइन बैंकिंग के जरिये कंपनी के दिल्ली स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के खाते से आनन-फानन में करीब 18 लाख रुपये सात खातों में ट्रांसफर किये गये. उक्त खाता कंपनी के डायरेक्टर अरविंद सेठ हैं. जबतक पुलिस बैंक एकाउंट फ्रीज कराती, तबतक खाते में से लाख रुपये ही बचे थे. कंपनी का कॉरपोरेट ऑफिस डी-3 व 4 सेक्टर-10 नोयडा और रजिस्टर्ड कार्यालय 301 अवध कॉम्प्लेक्स, डी-5 लक्ष्मी नगर दिल्ली बताया जा रहा है. वहीं, जोनल कार्यालय कोलकाता में चल रहा है.
एक माह में 166 लोगों से वसूले 33 लाख : चाईबासा में जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि कंपनी ने 6 जुलाई, 2016 को चाईबासा में शाखा खोला, जबकि कंपनी की ओर से कोई बोर्ड नहीं लगाया गया. कंपनी ने एकमुश्त 20 हजार रुपये जमा करने पर मासिक तीन हजार रुपये ब्याज देने का लोभ देकर चाईबासा, सरायकेला व ओड़िशा के क्योंझर से कुल 166 लोगों को मेंबर बनाया. इनसे कंपनी ने 33 लाख की उगाही की. उक्त राशि कंपनी के दिल्ली स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के खाते में जमा किया गया.
तीन करोड़ रुपये का निवेश
चक्रधरपुर कार्यालय से मिली सूची में शहर के कई प्रतिष्ठित लोगों के नाम हैं. कंपनी में निवेश करने वाले ग्राहकों को जमा राशि के 20-30 प्रतिशत राशि मुनाफा प्रतिमाह दिया जाता था. एक साल में दोगुना से भी ज्यादा राशि होने की लालच में हजारों लोगों ने कंपनी में निवेश किया है. चक्रधरपुर में मार्च 2016 में शाखा का उदघाटन हुआ था. करीब पांच माह में ढाई से तीन करोड़ रुपये निवेश की बात सामने आ रही है.
चक्रधरपुर : 266 एजेंट, लाखों की रसीद मिली
चक्रधरपुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक शाखा के उपरी तल्ला पर स्थित कार्यालय में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय केरकेट्टा ने छापेमारी की. कार्यालय में लैपटॉप व कंप्यूटर ऑन था. तीन एसी व चार पंखे चल रहे थे. वहां सिर्फ महिला कर्मचारी थी. पुलिस को ग्राहकों की ओर से जमा व निकासी के कई कागजात, एजेंट व ग्राहकों की सूची मिली. कंपनी में करीब 266 एजेंट कार्य करने की सूची व लाखों रुपये जमा करने की बैंक पर्चियां मिलीं.
प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर रेनियर खलको की उपस्थिति में कार्यालय को सील किया गया. आइसीआइसीआइ रायरंगपुर व बहलदा शाखा में कंपनी के नाम के खाते को फ्रीज किया गया है.

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