को-ऑपरेटिव कॉलेज . टाकू की आमसभा में ट्रांसफर का विरोध
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योगदान नहीं करेंगे शिक्षक
को-ऑपरेटिव कॉलेज . टाकू की आमसभा में ट्रांसफर का विरोध चाईबासा : चर्स एसोसिएशन ऑफ कोल्हान यूनिवर्सिटी (टाकू) कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षकों का स्थानांतरण किये जाने पर विरोध जताया है. साथ ही स्थानांतरण के पश्चात नव पदस्थापना वाले कॉलेज में योगदान नहीं करने का निर्णय लिया है. पिछले शनिवार को विश्वविद्यालय द्वारा टाकू नेताओं […]
चाईबासा : चर्स एसोसिएशन ऑफ कोल्हान यूनिवर्सिटी (टाकू) कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षकों का स्थानांतरण किये जाने पर विरोध जताया है. साथ ही स्थानांतरण के पश्चात नव पदस्थापना वाले कॉलेज में योगदान नहीं करने का निर्णय लिया है. पिछले शनिवार को विश्वविद्यालय द्वारा टाकू नेताओं समेत 74 शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्थानांतरण किये जाने के बाद रविवार को जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज परिसर में टाकू की आमसभा हुई. इसमें स्थानांतरण को शिक्षकों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास बताया गया. साथ ही कहा गया कि शिक्षक स्थानांतरण आदेश को नहीं मानेंगे. बावजूद कॉलेज से रीलीविंग दी जाती है, तो शिक्षक कॉलेज से एलपीसी (लास्ट पे सर्टिफिकेट) की मांग करेंगे.
बैठक में वेतन भुगतान होने तक आंदोलन जारी रखने व आगामी दिनों में शिक्षा मंत्री से मिलने का निर्णय लिया गया. कहा गया कि 28 जून के बाद टाकू आंदोलन की आगे की रणनीति तय करेगा. बैठक टाकू के अध्यक्ष डॉ रामप्रवेश प्रसाद की अध्यक्षता में हुई. इसमें टाकू के महासचिव डॉ राजेंद्र भारती, डॉ राजीव कुमार समेत सभी पदाधिकारी व विभिन्न कॉलेजों से आये शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे.
सहयोग व पद का त्याग करने की अपील. बैठक में शिक्षक संवर्ग के पदाधिकारियों से वेतन रोके जाने के खिलाफ आंदोलन में सहयोग करने की अपील की. टाकू की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि तमाम कॉलेजों को प्रभारी प्राचार्य, अर्थपाल, परीक्षा नियंत्रक व विभिन्न समितियों के सदस्य पद का त्याग करें.
जारी रहेगा आंदोलन, आज तालाबंदी. टाकू की ओर से बताया गया है कि वेतन रोके जाने के खिलाफ शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा. तयशुदा रणनीति के तहत सोमवार को शिक्षक अपने-अपने कॉलेज में प्राचार्य कक्ष में तालाबंदी कर वहां प्रशासनिक कार्यों
को बाधित करेंगे.
एलपीसी दें या वेतन दें
बैठक में कहा गया कि मई माह का वेतन भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में शिक्षक स्थानांतरण आदेश को तभी मानेंगे जब वेतन भुगतान किया जायेगा. वेतन भुगतान नहीं करने की स्थिति में कॉलेज को एलपीसी या यह लिख कर देना होगा कि उन्होंने काम किया है या नहीं. यदि यह लिखित मिलता है कि शिक्षकों ने काम नहीं किया है, तो वे न्यायालय की शरण में जा सकते हैं.
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