चक्रधरपुर : झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण कुमार मिश्र ने एक बयान जारी कर कहा है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के 104 शिक्षक-शिक्षिकाओं के हक में उच्च न्यायालय का फैसला आया है. राज्य भर में इस कोटि के हजारों शिक्षक हैं, जिन्हें कोर्ट के फैसले से लाभ मिलेगा.
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जिले के 104 शिक्षकों के हक में न्यायालय का फैसला आया
चक्रधरपुर : झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण कुमार मिश्र ने एक बयान जारी कर कहा है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के 104 शिक्षक-शिक्षिकाओं के हक में उच्च न्यायालय का फैसला आया है. राज्य भर में इस कोटि के हजारों शिक्षक हैं, जिन्हें कोर्ट के फैसले से लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा […]
उन्होंने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी प्रारंभिक शिक्षकों की प्रथम, द्वितीय सूची से जिन शिक्षकों की नियुक्ति 22 दिसंबर 2003 के बाद अक्तूबर 2004 में किया गया है. ऐसे शिक्षकों को पेंशन, जीपीएफ एवं वरीयता का लाभ से वंचित कर दिया गया है. जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका संख्या डब्ल्यू पी (एस) 1352/07 में हरेंद्र कुमार घोष, किशोर कुमार तिवारी बनाम राज्य सरकार मामला विचाराधीन था. कोर्ट ने शिक्षकों के हित में फैसला दिया है.
2 फरवरी 2011 को पारित न्यायादेश के विरुद्ध राज्य सरकार एलपीए संख्या 446-2012 कोर्ट में समर्पित कर आदेश पर पुनर्विचार करने की अपील की थी, लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने 13 जून 2013 को राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वैसे शिक्षक जो सीपीएस योजना के दायरे में आ गये हैं, उन्हें पेंशन प्रदायी सेवा लाभ प्राप्त करने के दायरे में आ सकते हैं. ऐसे शिक्षक अपने संघीय पदाधिकारी से संपर्क कर मार्गदर्शन प्राप्त कर लें.
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