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ग्रामसभा के विरोध में ग्रामीण
बड़बिल : बड़बिल थाना व देवझर ग्राम पंचायत क्षेत्र के ठाकुरानी स्थित गोपाल साईं में केपी इंटर प्राइजेज माइंस की 228.04 हेक्टर वन क्षेत्र को गैर वन क्षेत्र घोषित कर उस जमीन में अयस्क खनन के लिए अनुमति के लिए पांच दिसंबर को स्थानीय प्रशासन द्वारा ग्राम सभा का आयोजन किया था. इसके लिए जोड़ा […]
बड़बिल : बड़बिल थाना व देवझर ग्राम पंचायत क्षेत्र के ठाकुरानी स्थित गोपाल साईं में केपी इंटर प्राइजेज माइंस की 228.04 हेक्टर वन क्षेत्र को गैर वन क्षेत्र घोषित कर उस जमीन में अयस्क खनन के लिए अनुमति के लिए पांच दिसंबर को स्थानीय प्रशासन द्वारा ग्राम सभा का आयोजन किया था.
इसके लिए जोड़ा प्रखंड की ओर से देवझर पंचायत को 12 नवंबर को एक पत्र दिया गया था.जिसमें ग्राम सभा 22 नवंबर को आयोजित करने की बात कही गयी थी. लेकिन किसी कारण से 22 नवंबर को स्थगित कर पांच दिसंबर को ग्राम सभा की तिथि निर्धारित की गयी.
इस ग्राम सभा की सूचना से पंचायत क्षेत्र के लोग आक्रोशित हो गये. स्थानीय ठाकुरानी के अलावा मुर्गाबेड़ा तथा देवझर ग्राम पंचायत के विभिन्न गांव से लगभग एक हजार से अधिक ग्रामीण गांव जाने वाली मुख्य सड़क पर जमा हो गये और कंपनी की ग्राम सभा का विरोध करने लगे. ग्रामीणों का कहना है कि ठाकुरानी एक राजस्व गांव होने वाबजूद उपेक्षित है. इस गांव की ओर न सरकार का ध्यान है और न ही यहां की अयस्क कंपनियां कोई ध्यान देती हैं. गांव को अपने पंचायत तक जाने के लिए कोई सड़क नहीं है. चिकित्सा और शिक्षा के लिए भी लोग नोवामुंडी पर निर्भर करते हैं. लगभग 60 वर्षो से भी पहले से बसे इस गांव में नाममात्र की सरकार की ओर से सुविधाएं दी गयी है.
कंपनिया अपने इस्तेमाल किये जाने के लिए सड़क तक नहीं बनाती उल्टे पंचायत की सड़क का इस्तेमाल करती हैं. ग्रामीणों के अनुसार वर्षो से खनिज से अरबों की कमाई करने वाले ग्रामीण पहले गांव की सड़क की समस्या सुलझाये फिर ग्राम सभा आयोजित करें. हालांकि विरोध की खबर से ही प्रशासन का कोई अधिकारी ग्रामसभा का आयोजन कराने ठाकुरानी गांव नहीं पहुंचे.
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