नोवामुंडी : सेक्कोर को पारंपरिक जनजातीय खेल तक सीमित रखने के बजाय अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान दिलाना जरूरी है. इसके लिए टाटा-स्टील को बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाने की जरुरत है. राज्य में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है. बस इन्हें तराशने की जरूरत है. कोचिंग के माध्यम से खेल प्रतिभा को निखारा जा सकता है.
झारखंड ने विभिन्न खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी (क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी, तीरंदाज दीपिका आदि) दिये हैं. उक्त बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहीं. वे मंगलवार को टाटा-स्टील की ओर से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित सेक्कोर खेल प्रतियोगिता की मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं.
विरासत में मिले सेक्कोर को पुनर्जीवित कर रही टाटा स्टील
उन्होंने कोल्हान प्रमंडल में विलुप्त हो रही पारंपरिक खेल-संस्कृति सेक्कोर को पुनर्जीवित करने के लिए टाटा-स्टील के योगदान की सराहना की. श्रीमती मुर्मू ने कहा कि खिलाड़ी खेल को युद्ध कौशल की कला के साथ खेलें. लक्ष्य भेदने पर ही सफलता मिलेगी. सेक्कोर खेल विरासत में मिली है. सेक्कोर खेल में पूरी तरह निशानेबाजी का करतब है.
हड़िया-दारु छोड़ो, विकास से नाता जोड़ो का दिया नारा
राज्यपाल ने कहा कि सरकारी नौकरी सभी को नहीं मिल सकती है. खेल के साथ पढ़ाई भी करें. ठगी का शिकार न बने. राज्यपाल ने नशाखोरी से होने वाले सामाजिक व आर्थिक क्षति पर प्रकाश डाला. उन्होंने ‘हड़िया-दारु छोड़ो, विकास से नाता जोड़ो’ का नारा दिया. उन्होंने कहा कि नशाखोरी सिर्फ शरीर को खराब नहीं करता है, बल्कि घर-परिवार भी उजड़ जाता है. इसलिए सर्वांगीण विकास करना है, तो कोल्हान के लोग नशा से तौबा करें.
बेटियों को काम के लिए दूसरे राज्यों में न भेजें: श्रीमती मुर्मू ने कहा कि बेटियों को रोजगार के लिए बाहर दूसरे राज्यों में न भेजें. पलायन रोकने के लिए सरकार गांव-गांव में महिलाएं को स्वावलंबी बनाने का कार्यक्रम चला रही है. हुनर सीख कर महिलाओं को अपने घर व खेत में रोजगार मिल सकेगा. बेटा-बेटी में फर्क न समझें. कम उम्र में शादी भी न करें.
भाषा-संस्कृति भूलने वाले मिट्टी में मिल जायेंगे : श्रीमती मुर्मू ने कहा कि परंपरा, भाषा, संस्कृति व लिपि ही जनजातियों की पहचान है. इसे भूल जायेंगे, तो मिट्टी में मिल जायेंगे. दूसरे भाषा को अपनायें, लेकिन अपनी मातृभाषा को न भूलें. अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाकर रखना है. विरासत में मिली जल, जंगल व जमीन का विकास करना है.
पर्यावरण संतुलन बिगड़ने से कहीं बाढ़, तो कहीं सुखाड़ : उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन बिगड़ गया है. इसके कारण कहीं बाढ़, तो कहीं सुखाड़ का सामना करना पड़ रहा है. खेती ठीक से नहीं हो रहा है. वैज्ञानिक तरीके से कम बारिश में अधिक उपज की तकनीक अपनायें.
बेरोजगारों को रोजगार दे प्रबंधन : गीता कोड़ा : जगन्नाथपुर की विधायक गीता कोड़ा ने कहा कि टाटा-स्टील माइंस प्रबंधन ने विलुप्त हो रहे सेक्कोर खेल को पुनर्जीवित कर सांस्कृतिक पहचान दे रहा है. माइंस प्रबंधन बेरोजगारों को रोजगार देे. नि
एकजुट होकर विकास करने की जरुरत : मेनका सरदार: पोटका की विधायक मेनका सरदार ने कहा कि टाटा-स्टील ने कोल्हान में सेक्कोर खेल को पुनर्जीवित करने का काम किया है. शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने की जरुरत है. हमें एकजुट होकर विकास करने की जरुरत है.
विलुप्त खेल को पुनर्जीवित करना कंपनी का लक्ष्य : सतीजा
टाटा-स्टील ओएमक्यू डिवीजन के महाप्रबंधक पंकज सतीजा ने बताया कि झारखंड में हो जनजातीय सेक्कोर खेल खेलते हैं. यह खेल हो जनजाति की आत्मा और चपलता का प्रतीक माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह खेल पहली बार दो पुरुष व दो दानवों के बीच खेला गया था. इसमे मानवों की जीत हुई थी. जब गर्मी चरम पर होती है, तब यह खेल खेला जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस खेल से बारिश होती है. सूखा नहीं पड़ता है. समय के साथ खेल की चमक खो गयी. टाटा-स्टील ने विलुप्त प्रायः इस खेल को पुनर्जीवित करने की पहल की है.
सीनियर वर्ग में न्यू स्टार पुरनिया बना चैंपियन
मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने नगाड़ा बजाकर सेक्को प्रीमियर लीग का फाइनल मुकाबले का शुभारंभ किया. सीनियर वर्ग में न्यू स्टार पुरनिया ओवर ऑल चैंपियन बना. वहीं जूनियर वर्ग में किसान क्लब बारुगुटू (तांतनगर) विजेता रहा. वहीं छोटा टाइगर दीरिबासा (मंझारी) उपविजेता रहा. विजेता व उपविजेता टीम को नगाड़ा, जर्सी व ट्रॉफी देकर राज्यपाल ने सम्मानित किया. मौके पर उपापुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि व एसपी अनीश गुप्ता, टाटा-स्टील (ओएमक्यू) महाप्रबंधक पंकज सतीजा, वीपी आरएमडी टाटा स्टील राजीव सिंघल समेत आदि मौजूद थे.