Project Dolphin: साहिबगंज में गंगा में हैं 162 डॉल्फिन, देश में 5वें स्थान पर झारखंड

Project Dolphin: झारखंड के साहिबगंज में गंगा में 162 डॉल्फिन हैं. देश भर में डॉल्फिन की बात करें, तो झारखंड पांचवें नंबर पर है. प्रोजेक्ट डॉल्फिन की रिपोर्ट में क्या कहा गया है, पढ़ें.

By Mithilesh Jha | March 6, 2025 8:16 PM

Project Dolphin: प्रोजेक्ट डॉल्फिन के तहत किये गये सर्वे का आंकड़ा जारी हो गया है. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक डॉल्फिन पाये गये हैं. दूसरे पायदान पर बिहार है. यहां 2220 डॉल्फिन हैं. तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल, चौथे नंबर पर असम और पांचवें नंबर पर झारखंड है. झारखंड के साहिबगंज में 817 डॉल्फिन हैं. छठे स्थान पर राजस्थान, सातवें स्थान पर मध्यप्रदेश और आठवें स्थान पर पंजाब है. पंजाब में मात्र 3 डॉल्फिन पाये गये हैं. डॉल्फिन को नदियों की पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अहम माना जाता है. इसीलिए भारत सरकार ने वर्ष 2009 में इसे राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया. ऐसा कहा जाता है कि दुनिया भर में 90 प्रतिशत डॉल्फिन गंगा नदी में ही हैं. प्रोजेक्ट डॉल्फिन के तहत 28 नदियों का सर्वे हुआ था. भारत में गंगा नदी में कुल 6,327 रिवर डॉल्फिन हैं. 15 अगस्त, 2000 को प्रधानमंत्री ने नदियों में डॉल्फिन के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट डॉल्फिन शुरू किया था.

झारखंड में सिर्फ साहिबगंज जिले से गुजरती है गंगा नदी

झारखंड का एकमात्र जिला साहिबगंज है, जहां गंगा नदी बहती है. साहिबगंज में गंगा नदी के उत्थान और यहां के जलीय जीवों के संरक्षण के लिए कई योजनाएं बनायी गयी हैं. वर्तमान में साहिबगंज जिला अंतर्गत 80 से 90 किलोमीटर का क्षेत्र गंगा का क्षेत्र कहलाता है. यहां पर डॉल्फिन का संरक्षण किया जा सकता है. इसके लिए लगातार वन विभाग की ओर संरक्षण के लिए कई कदम उठाये गये हैं.

प्रभात खबर प्रीमियम स्टोरी : झारखंड की इकलौती लिस्टेड कंपनी की कहानी: जहां कहीं कोई सोच नहीं सकता, उस गांव में कैसे पहुंचा म्यूचुअल फंड

घोषित होगा इको टूरिस्ट क्षेत्र

साहिबगंज जिला का गंगा तटीय क्षेत्र जल्द ही इको टूरिस्ट क्षेत्र घोषित होगा. इसको लेकर विभाग की ओर से प्रपोजल भेजा जा चुका है. इको टूरिस्ट क्षेत्र घोषित होने से साहिबगंज जिले के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा. यहां मुंबई की चौपाटी की तर्ज पर गंगा के तट को विकसित किया जायेगा. शहर के लोग या फिर बाहर से आने वाले सैलानी गंगा नदी का नजारा देख सकेंगे.

गंगा में बोट से निरीक्षण करते डीएफओ. फोटो : प्रभात खबर

प्रोजेक्ट डॉल्फिन की रिपोर्ट काफी उत्साहवर्धक है. डॉल्फिन के घनत्व में झारखंड सबसे ऊपर है. डॉल्फिन के संरक्षण के लिए वन प्रमंडल द्वारा कार्य किये जा रहे हैं. 80 किलोमीटर में फैले गंगा में लगातार बोट से गश्ती, डॉल्फिन प्रहरी, जागरूकता कार्यक्रम किये जा रहे हैं.

प्रबल गर्ग, जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी, साहिबगंज

इसे भी पढ़ें

परीक्षा ड्यूटी से लौटते समय सड़क दुर्घटना में घायल मो सलमान की मौत, कुछ दिन पहले ही मिला था पहला वेतन

Viral Video: कांग्रेस की बैठक में हंगामा, कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष पर लगाये गंभीर आरोप

ऑनलाइन गेम के चक्कर में लुटा दिये पिता के 9 लाख रुपए, भरपाई के लिए की चोरी, अब पहुंचा जेल

होली से पहले आरपीएफ का ‘ऑपरेशन सतर्क’, सिंगरौली-पटना एक्सप्रेस से 133 पैकेट देशी शराब जब्त