साहिबगंज : अहंकार एवं हठधर्मिता का त्याग करने से हमारी 90 प्रतिशत समस्याओं का हल हो जाता है. अज्ञानतावश लोग अनावश्यक रूप से समस्याओं में उलझ जाते हैं. ये बातें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मिथिलेश प्रसाद ने राष्ट्रीय लोक अदालत के उदघाटन समारोह के दौरान कही. श्री प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत लोगों को अपनी गलतियों को सुधारने का मौका देता है. लोक अदालत के मंच का संचालन झालसा सचिव आनंदमणि त्रिपाठी ने किया. इसके पूर्व डीजे, डीसी,
एसपी व अन्य न्यायाधीश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम में अलग-अलग बैंकों के लिये छह बैंच बनाये गयेे थे. जिसमें 574 मामलों का निबटारा किया गया तथा सुलह समझौता के आधार पर 56 लाख 27 हजार 771 रुपये राजस्व की वसूली की गयी. अवसर पर एसी अनमोल कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विनय कुमार लाल, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अनूप तिर्की, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी दिग्विजय नाथ शुक्ला,
अग्रणी बैंक प्रबंधक मोहनलाल शुक्ल, कार्यपालक दंडाधिकारी कानुराम नाग, अंचलाधिकारी रामनरेश सोनी, बीडीओ प्रतिमा कुमारी, श्रम अधीक्षक नरेंद्र कुमार तथा वन विभाग, उत्पाद विभाग, विद्युत विभाग, बैंक, दूरसंचार विभाग सहित अन्य विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे. जबकि कार्यक्रम को सफल बनाने में अधिवक्ता अरविंद कुमार गोयल, कृष्ण कुमार वर्मा, सरदार आनंद गोपाल सिंह, रमेश श्रीवास्तव, संजय देव, उमा शंकर प्रसाद, मुरलीधर साह, रंजन सिंह, डीके सिंह, अशोक यादव, सुनील कुमार, गौतम सिंह, दारा, प्रदीप मिश्रा, सुमित प्रकाश, सुरेश मरांडी, बबीता कुमारी सहित कई लोग उपस्थित थे.