रांची. पेयजल व स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर गलत बयानी कर झारखंड का अपमान करने का आरोप लगाया है. श्री ठाकुर ने कहा है कि जमशेदपुर दौरे के क्रम में केंद्रीय मंत्री ने झारखंड सरकार के जल जीवन मिशन में दिलचस्पी नहीं लेने और जानबूझ कर जल जीवन मिशन के कार्यों को रोकने से संबंधित बयान दिया था. उनकी बात पूरी तरह से बेबुनियाद और निराधार है. उनको जानकारी होनी चाहिए कि डबल इंजन की सरकार में 2019 तक केवल पांच प्रतिशत घरों में नल के माध्यम से जलापूर्ति की जाती थी. केंद्रीय मंत्री को झारखंड की भौगोलिक स्थिति, दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों व टोलों की भी जानकारी नहीं है. श्री ठाकुर ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत नल के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है. सिंचाई के लिए खेतों को पानी उपलब्ध कराना पेयजल विभाग का कार्य नहीं है. श्री शेखावत ने मिशन की योजनाओं में खर्च होनेवाली राशि में केंद्र और राज्य का अनुपात 50ः50 बताया था. कम्युनिटी कंट्रीब्यूशन की 10 प्रतिशत राशि भी झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को वहन करना पड़ता है. जिसे मिला कर राज्य को मिशन के तहत 60 प्रतिशत राशि का खर्च करना पडता है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के एक महीने बाद भी केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की राशि विमुक्त नहीं की है. मंत्री ने कहा कि पटमदा और बोड़ाम पेयजलापूर्ति योजना को युद्ध स्तर पर काम करते हुए 86 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है. जल्द ही वहां के निवासियों को नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में जल जीवन मिशन के तहत 62.26 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करनी है. अब तक उसमें से 32.87 लाख ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी गयी है. जो कुल लक्ष्य का 52.79 प्रतिशत है. वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के गृह प्रदेश राजस्थान में लक्ष्य के विरुद्ध 48 प्रतिशत कार्य ही हुआ है. श्री शेखावत पहले राजस्थान की चिंता करें.
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