रांची : विधानसभा के वर्तमान अवर सचिव मो शमीम को एसआइटी ने जेएसएससी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया है. मो शमीम का विवादों से पुराना रिश्ता है. उसका नाम विधानसभा में स्पीकर आलमगीर आलम के समय हुई अवैध नियुक्तियों में आया था. वह नियुक्ति कराने के नाम पर पहले से रैकेट चलाता रहा है. विधानसभा नियुक्ति घोटाले में विधायक सरयू राय ने 2008 में एक सीडी जारी की थी. इसमें मो शमीम की बातचीत थी. वह पैसे के लेनदेन को कबूल रहा था. विधानसभा नियुक्ति घोटाले के राज खोलने के लिए यह सीडी सबसे मजबूत आधार था. अवैध नियुक्ति की जांच करनेवाले न्यायाधीश विक्रमादित्य आयोग ने मो शमीम को बुलाया था. मो शमीम बड़ा खिलाड़ी निकला. उसने आयोग के समक्ष हाजिर होने से पहले कंठ खराब होने का मेडिकल सर्टिफिकेट पटना के पारस हॉस्पिटल से बना लिया. आयोग के समक्ष अपनी असमर्थता जतायी कि वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है. इसके बाद आयोग ने उसके कंठ की जांच रिम्स से कराने का निर्देश दिया. बहुत जोर-जबरदस्ती के बाद शमीम जांच के लिए तैयार हुआ. आयोग के समक्ष हाजिरी देने के बाद शमीम मजे से बात कर रहा था.
सरयू राय ने विधानसभा नियुक्ति घोटाले से संबंधित जो सीडी उपलब्ध करायी थी, उसकी सही तरीके से जांच नहीं हो पायी. विक्रमादित्य आयोग ने सीडी की एफएसएल जांच के लिए दूसरे राज्य से भी संपर्क किया था. सीडी को लेकर आयोग तकनीकी कारणों से किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाया.
मो शमीम पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हुई
झारखंड विधानसभा में मो शमीम के कारनामों की जानकारी सबको है. वह अवैध बहाली को लेकर हमेशा सक्रिय रहा है. पैसे से नियुक्ति कराने का वह दावा करता रहा है. विधानसभा अधिकारी के रूप में उसकी छवि सही नहीं है. पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव ने उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की थी.