रांची. डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 67 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. राज्य में डॉक्टरों की कमी है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने के बजाय डॉक्टरों की नयी बहाली की जाये. झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा (गैर शैक्षणिक संवर्ग के डॉक्टर) में 3,370 पद हैं, लेकिन इनमें 172 पद अधिकारी का है. यही वजह है कि अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. ऐसे में पदोन्नति पद का सृजन किया जाये और वरीयता सूची के आधार पर डॉक्टरों को पदोन्नति दी जाये. झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (झासा) ने बैठक करने के बाद स्वास्थ्य सचिव को यह प्रस्ताव दिया है.
प्रस्ताव के जरिये एमबीबीएस ,डेंटल और दोनों संवर्ग के विशेषज्ञ डॉक्टरों को केंद्र व बिहार राज्य की तर्ज पर डायनेमिक एसीपी देने और गैर शैक्षणिक विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद पर समायोजन और सेवा संपुष्टि व डायनेमिक एसीपी का आवेदन छह महीने से लंबित होने से भी सचिव को अवगत कराया गया. संगठन के सचिव डॉ ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव ने झासा के सुझाव को गंभीरता से सुना और शीघ्र इस पर रास्ता निकालने का आश्वासन दिया. सचिव से मिलनेवालों में कोषाध्यक्ष डॉ स्टीफन, डॉ सुजीत कश्यप, डॉ अखिलेश झा, डॉ निकेत चौधरी और डॉ दीपांकर शामिल थे. इधर, झासा की बैठक में अध्यक्ष डॉ पी शाह ने कहा कि मांगें जायज हैं. पूर्व सचिव डॉ विमलेश सिंह ने कहा कि कई मांगें काफी समय से लंबित हैं.ईमानदारी से ड्यूटी करें और कार्यस्थल पर मौजूद रहें : स्वास्थ्य सचिव
स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह ने डॉक्टरों को अपने पदस्थापित स्थल पर रहने और ईमानदारी से ड्यूटी करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस अवश्य बनायें और आयुष्मान भारत योजना में दिये गये लक्ष्य की प्राप्ति में सहयोग करें.ये मांगें भी की गयीं
सदर अस्पताल रांची में स्त्री रोग व शिशु रोग विशेषज्ञ के अलावा सिर्फ एनेस्थीसिया के डॉक्टर हैं. नियमित विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद सृजित किया जायें. आयुष्मान योजना से संबंधित डॉक्टरों व पारा मेडिकल स्टाफ की हिस्सेदारी 50 फीसदी की जाये. दंत चिकित्सकों में एमडीएस डिग्री वाले डॉक्टराें को विशेषज्ञ चिकित्सक की श्रेणी में रखा जाये. दंत चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 65 से बढ़कर 67 वर्ष की जाये. वर्ष 2019 से दंत चिकित्सकों का प्रमोशन लंबित है, शीघ्र प्रमोशन दिया जाये. नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सकों पर लगे आरोप से उन्हें मुक्त किया जाये. श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्ति चिकित्सक व पारा मेडिकल कर्मियों को भत्ता का भुगतान किया जाये. सरकारी चिकित्सकों के अध्ययन अवकाश को दो साल से बढ़ा कर अध्ययन की पूरी अवधि तक किया जाये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है