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निजी स्कूलों से मांगी गयी फीस बढ़ोतरी की रिपोर्ट

जिला शिक्षा अधीक्षक ने राजधानी रांची के निजी स्कूलों से ‘प्री प्राइमरी’ से लेकर ’आठवीं कक्षा’ तक की शुल्क बढ़ोतरी की रिपोर्ट मांगी है.

जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसइ) ने राजधानी रांची के निजी स्कूलों से ‘प्री प्राइमरी’ से लेकर ’आठवीं कक्षा’ तक की शुल्क बढ़ोतरी की रिपोर्ट मांगी है. डीएसइ ने इस संबंध में जिले के सभी निजी स्कूलों के प्राचार्यों को पत्र लिखा है. इसमें सत्र 2023-24 मासिक शिक्षण शुल्क, सभी मद में लिये जानेवाले मासिक शुल्क और सत्र 2024-25 में लिये जानेवाले शुल्क के बारे में जानकारी देने को कहा गया है. निजी स्कूलों को फॉर्मेट उपलब्ध कराते हुए उक्त जानकारी देने के लिए पांच मई तक का वक्त दिया गया है. निजी स्कूलों को डीएसइ कार्यालय के ईमेल rteranchi@gmail.com पर जानकारी देने का निर्देश दिया गया है. डीएसइ की ओर से निजी स्कूलों के प्राचार्यों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि निजी स्कूलों में सत्र 2024-25 में पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में 10 फीसदी से अधिक शुल्क बढ़ोतरी की शिकायत मिली है. यह ‘झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम-2017’ के विपरीत है. उक्त अधिनियम के आलोक में निजी स्कूलों के वार्षिक शुल्क बढ़ोतरी की अधिकतम सीमा 10 फीसदी तय की गयी है. इससे अधिक शुल्क बढ़ोतरी का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए जिला समिति को भेजा जाना है.

हर साल फीस बढ़ा देते हैं निजी स्कूल :

बता दें कि राजधानी के अधिकतर निजी स्कूल हर साल फीस बढ़ा देते हैं. कुछ स्कूलों ने इस वर्ष भी शिक्षण शुल्क और बस किराया बढ़ा दिया है, जो 10 फीसदी से अधिक है. निजी स्कूल प्रति वर्ष पांच हजार से 25 हजार तक वार्षिक शुल्क भी वसूलते हैं. इसके अलावा इआरपी फीस, कंप्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास फीस समेत अलग-अलग मदों में फीस ली जाती है, जो शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त होता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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