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रिम्स में निजी एजेंसी की संचालिका ने किया हंगामा, जानें क्या है पूरा मामला

रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में को निजी एजेंसी वैष्णवी नर्सिंग सर्विसेज की संचालिका ने किया हंगामा

रांची : रिम्स के ट्रॉमा सेंटर (वर्तमान में कोविड अस्पताल) में मंगलवार को निजी एजेंसी वैष्णवी नर्सिंग सर्विसेज की संचालिका ने हंगामा किया. शिकायत करने वाले परिजनों को धमकाया. एजेंसी की संचालिका दोपहर 12:45 बजे ट्राॅमा सेंटर पहुंची. वह अपने साथ 20 लड़कियों को साथ लेकर आयी थी, जो नर्स का एप्रॉन पहने हुई थी.

हंगामा की सूचना मिलने पर रिम्स प्रबंधन ने बरियातू पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद पेट्रोलिंग पुलिस वहां पहुंची और लोगों को शांत कराया. साथ ही संचालिका व एक व्यक्ति को लेकर थाना ले गयी. पुलिस ने संचालिका से पूछा कि आप रिम्स में बराबर व्यवस्था क्यों चला रही हैं. रिम्स के साथ आपका कोई करार हुआ है क्या? इस पर संचालिका ने कहा कि ऐसा नहीं है. इसके बाद पुलिस ने लिखित में लिया कि एजेंसी के कर्मचारी दोबारा कैंपस में नहीं दिखायी देने चाहिए. इसके बाद पुलिस ने संचालिका को छोड़ दिया.

इधर, पैसा देकर निजी एजेंसी की सेवा ले रहे परिजन नर्साें के हटाये जाने पर आवेदन लेकर रिम्स उपाधीक्षक कार्यालय पहुंचे. अधीक्षक से गुहार लगाते हुए एक परिजन ने कहा कि हमारे मरीज की उम्र 90 साल है. दूसरे व तीसरे मरीजों ने भी संक्रमित की अधिक उम्र होने का हवाला देते हुए मरीज की देखभाल करने के लिए इजाजत देने का आग्रह किया.

इस पर अधीक्षक ने संक्रमित के पास भेजे जाने वाले परिजन का फोन नंबर व आधार कार्ड की फोटो कॉपी जमा करवायी. इधर, सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन ने दोबारा उसी एजेंसी की नर्स को संक्रमित की देखभाल के लिए तैनात कर दिया है. वहीं जिस व्यक्ति ने शिकायत की थी, उसके मरीज के पास से एजेंसी ने अपनी नर्स को हटा लिया.

गौरतलब है कि कोविड अस्पताल में मरीजों के हिसाब से नर्सों को नियुक्त नहीं किया गया है, जिससे परिजनों को परेशानी होती है. 30 बेड के आइसीयू में 12 नर्सों काे तीनों शिफ्ट के लिए तैनात किया गया है. यानी 30 मरीजों की देखभाल के लिए सिर्फ चार नर्स रहती हैं. नर्सों की संख्या कम होने से सभी मरीजों की देखभाल नहीं होती है. सामान्य वार्ड में दो से तीन नर्स प्रत्येक शिफ्ट में सेवा देती हैं.

वैष्णवी हेल्थ सर्विसेज ने जीता भरोसा, तो रिम्स क्यों नहीं

रिम्स कोविड अस्पताल में वैष्णवी नर्सिंग सर्विसेज के दखल ने रिम्स की व्यवस्था की भले ही पोल खोल दी हो, लेकिन एजेंसी ने कोरोना संक्रमितों के परिजनों से पैसा लेकर ही सही, पर परिजनों का भरोसा जीता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि रिम्स क्यों नहीं भरोसा पैदा कर रहा है? सूत्रों का कहना है कि परिजनों को निजी एजेंसी का सहारा इसलिए लेना पड़ा, क्योंकि वार्ड व आइसीयू में तैनात नर्स सही से संक्रमितों की देखभाल नहीं करती है.

एजेंसी की संचालिका द्वारा हंगामा करने पर पुलिस संचालिका को पूछताछ के लिए थाने ले गयी. अभी निदेशक छुट्टी पर हैं. उनके आने पर ही इस बारे में कोई फैसला लिया जायेगा. वहीं, परिजनों के आग्रह पर कोरोना के चार बुजुर्ग मरीजों के पास उनके द्वारा बताये गये परिजन को तैनात किया गया है. -डॉ संजय कुमार, उपाधीक्षक, रिम्स

Posted By : Sameer Oraon

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