रांची. गैस कंपनियां अपने उपभोक्ताओं का ई-केवाइसी कर रही हैं. इसके माध्यम से वास्तविक उपभोक्ताओं की पहचान की जा रही है, ताकि रसोई गैस सही उपभोक्ताओं तक पहुंच सके. कंपनियों के आग्रह के बाद भी रांची के उपभोक्ता इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं. रांची में अब तक लगभग 20 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ही ई-केवाइसी कराया है. रांची में कुल 7.12 लाख गैस उपभोक्ता हैं. इनमें अब तक केवल 1.42 लाख उपभोक्ताओं ने ही ई-केवाइसी कराया है.
इ-केवाइसी के लिए आधार और गैस उपभोक्ता नंबर जरूरी
गैस एजेंसियों ने ई-केवाइसी के लिए गैस वेंडरों को भी जिम्मा दिया है. ग्राहकों के फिंगर प्रिंट स्कैनर और फेस आइडी से इ-केवाइसी किया जा रहा है. इस दौरान सेफ्टी सुरक्षा की भी जांच घर-घर में हो रही है. ई-केवाइसी के लिए आधार कार्ड और गैस का उपभोक्ता नंबर चाहिए. जिन उपभोक्ताओं के नाम से कनेक्शन है, उनका होना आवश्यक है. फिंगर स्कैनर या चेहरे से इसका सत्यापन किया जा रहा है.सही उपभोक्ताओं की हो रही पहचान
गैस कंपनियों द्वारा ई-केवाइसी कराने का मुख्य मकसद यह है कि सही उपभोक्ताओं की पहचान हो सके. कई ऐसे उपभोक्ता हैं, जो अपने पते को छोड़ कर दूसरी जगहों पर चले गये हैं, लेकिन उनका कनेक्शन कोई अन्य व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है. ई-केवाइसी नहीं कराने पर आने वाले दिनों में ऐसे उपभोक्ताओं का गैस कनेक्शन भी ब्लॉक किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है