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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया जवाब
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार की मंशा बिल्कुल स्पष्ट है. इस विषय पर सरकार काम कर रही है. इन लोगों ने पहले एक मांग रखी थी. उसमें स्पष्ट था कि पिछली सरकार ने जो 1985 का कटऑफ डेट रखा था. उसी को फिर से लाने का प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर नियुक्तियां होंगी.
डॉ लंबोदर महतो ने दिया ये संशोधन
डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि जिले का अंतिम सर्वे या खतियानधारी को भी बिल में जोड़ा जाये. पश्चिमी सिंहभूम में 1913 से 1919 तक सर्वे हुआ. कई जिलों में 1927 से 1935 का सर्वे उपलब्ध है. पूर्वी सिंहभूम 1934 से 1938 तक के ही दस्तावेज उपलब्ध हैं. डॉ लंबोदर महतो ने कहा है कि वह 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति का समर्थन करते हैं, लेकिन इसमें कुछ संशोधन की जरूरत है.
ये राज्य को बर्बाद करने वाला गिरोह है- विधानसभा में बोले हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि अन्य सभी रोजगार से भी इसे हम जोड़ेंगे. हमने सीमित दायरा नहीं बनाया है. इसका दायरा बहुत बड़ा रखा है. उन्होंने कहा कि अमित यादव, रामचंद्र चंद्रवंशी और विनोद सिंह की जो आशंका है, वह निर्मूल है. हमारी सरकार पूरी तरह से पारदर्शी सरकार है. आपलोगों की तरह लोगों को ठगने या छलने का काम हम नहीं करते. आप उदाहरण देख रहे हैं. इतनी नियुक्तियां निकल रही हैं, कभी विवाद हुआ. आपके तो सारे मामले कोर्ट में लटक जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग षड्यंत्र करते हैं. ये राज्य को बर्बाद करने वाला गिरोह है. इस मामले को प्रवर समिति को भेजने की कोई जरूरत नहीं है.
जल्दबाजी में लाया गया है विधेयक
रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि सरकार ने इस बिल को जल्दबाजी में पेश किया है. इसे प्रवर समिति को सौंपना चाहिए, ताकि बाद में इसमें कोई कानूनी विवाद न हो. कानूनविदों से सरकार को सुझाव लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि 2016 में रघुवर दास के कार्यकाल में बिल लाया गया था. हम इस बिल के समर्थन में हैं, लेकिन उसमें कुछ संशोधन की जरूरत है.
बिल के नाम में स्थानीयता के साथ नियोजन को भी जोड़ा जाये
विनोद सिंह ने कहा कि 15 नवंबर को झारखंड के 22 साल हो जायेंगे. भौगोलिक और प्रशासनिक स्तर पर तो राज्य का विकास हुआ, लेकिन सांस्कृतिक रूप में विकास नहीं हुआ. उन्होंने विधेयक का समर्थन किया. कहा कि विधेयक पारित हो जाने से कुछ नहीं होने वाला है. स्थानीयता नीति का नाम स्पष्ट हो. स्थानीयता और नियोजन की बात स्पष्ट की जाये. स्थानीयता की बात नियोजन से जुड़ी है. यह सिर्फ एक ऑर्नामेंट न रह जाये. नियोजन में प्राथमिकता मिलेगी, इसको इसमें जोड़ा जाये. राज्य के स्थानीय निवासियों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में स्थानीयता को आधार माना जायेगा.
अमित यादव ने अपने संशोधन में दिये सुझाव
अमित यादव ने कहा कि कोई भी वार्ड पार्षद या मुखिया आम सभा के माध्यम से किसी व्यक्ति को झारखंडी प्रमाणित कर दे, तो क्या सरकार उसे स्थानीय मान लेगी. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति का खतियान नहीं है, उसे स्वअभिप्रमाणित शपथ पत्र दिया जाना चाहिए. उसे मुखिया की ओर से प्रमाणित करना चाहिए. इसके बाद इसकी जांच की जाये और तब लोगों को स्थानीय का दर्जा दिया जाये. उन्होंने सुझाव दिया कि 1932 का खतियान जिन लोगों के पास नहीं है, वे अपना वंशावली दें. मुखिया उसे अभिप्रमाणित करे और बीडीओ उसकी जांच के बाद उसे स्थानीय का दर्जा दें. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो साहिबगंज जैसे जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खतियान बहुत आसानी से तैयार हो जायेंगे और प्रदेश के लोगों की समस्या बढ़ती जायेगी.
स्थानीयता की नीति विधानसभा में ध्वनिमत से पास
स्थानीयता के लिए 1932 के खतियान को लागू करने संबंधी बिल को विधानसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया.
विधानसभा में आरक्षण संबंधी बिल पास
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 विधानसभा में पास हुआ.
मुख्यमंत्री ने कहा- हम आपकी तरह बेवकूफ नहीं, आदिवासी अब बोका नहीं रहा
हेमंत सोरेन ने विपक्ष को बेवकूफ कहा. उन्होंने कहा कि हम आपके जैसे बेवकूफ नहीं हैं. आदिवासी अब बोका नहीं रहा. उन्होंने कहा कि यही बोका आपको धो-पोंछकर बाहर फेंक देगा.
रामचंद्र चंद्रवंशी के संशोधन को मानने से हेमंत सरकार का इंकार
हेमंत सोरेन ने भाजपा से पूछा कि 1985 का कटऑफ डेट लागू करके आपने कितने लोगों की बहाली की. सदन को बता दें. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 2022 में बिल लेकर आयी थी, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था. हमारा कोई बिल खारिज नहीं होगा. हम ऐसा बिल लाने जा रहे हैं, जो अभेद्य होगा. इसके साथ ही रामचंद्र चंद्रवंशी के संशोधन से सरकार ने इंकार किया.
दिखावा कर रही है हेमंत सोरेन सरकार, बोले रामचंद्र चंद्रवंशी
भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने हेमंत सोरेन सरकार को लपेटते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ काम करने का दिखावा कर रही है. वह दिखाना चाहते हैं कि वे बहुत काम कर रहे हैं. उन्हें सिर्फ संकल्प लाकर बहाली शुरू कर देनी चाहिए थी.
पिछली सरकार ने ओबीसी आरक्षण को घटाया: हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मिलता था. पिछली सरकार ने उसे घटाकर 14 फीसदी कर दिया था. हम पुरानी व्यवस्था को फिर से स्थापित करने जा रहे हैं.
बाहरी लोगों की वजह से आदिवासियों पर पड़ा नकारात्मक प्रभाव
हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा कि विधेयक का उद्देश्य आदिवासियों को शैक्षणिक, सांस्कृतिक और वित्तीय लाभ देना है. उन्होंने कहा कि 1932 के बाद दूसरे राज्यों के लोगों की वजह से मूलवासी, आदिवासी, आदिवासियों के रहन-सहन, रीति-रिवाज और परंपराओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इसलिए 1932 की मांग शुरू से राज्य में होती रही है. झारखंड सरकार उनकी मांगों को पूरा करने जा रही है.
झारखंड के पदों एवं रिक्तियां एवं आरक्षण संबंधी बिल को प्रवर समिति में भेजने से इंकार
हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड में पदों एवं रिक्तियों में आरक्षण संबंधी बिल को प्रवर समिति में भेजने से सरकार ने इनकार किया. इस पर हुई वोटिंग के बाद इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया.
विधानसभा में हेमंत सोरेन का संबोधन
झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संबोधित कर रहे हैं. ओबीसी को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर दिया है.
विधानसभा का विशेष सत्र शुरू, सदन में पेश हुआ बिल
Jharkhand Vidhan Sabha Special Session LIVE: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार स्थानीयता के लिए 1932 के खतियान को लागू करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण देने संबंधी प्रस्ताव को आज विधानसभा में पारित करवाने जा रही है. विधानसभा के विशेष सत्र की हर अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ...