Jharkhand Solar Energy Policy 2022: झारखंड में सौर ऊर्जा नीति 2022 लागू हो गयी है. लक्ष्य है झारखंड को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का पावर हाउस बनाना. वर्ष 2027 तक सौर ऊर्जा की 4000 मेगावाट क्षमता उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इससे पूरे देश में झारखंड बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा. साथ ही प्रदूषण भी कम होगा.
2027 तक 45 हजार नये रोजगार का होगा सृजन
सौर ऊर्जा नीति के अनुसार, वर्ष 2027 तक 45 हजार नये रोजगार का भी सृजन होगा. वहीं, पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश और राज्य सरकार को 4500 करोड़ रुपये के राजस्व की वृद्धि का दृष्टिकोण रखा गया है. इस निवेश से राज्य को 3.2 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन की कमी आएगी. इससे पर्यावरण सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. यह नीति पांच वर्षों के लिए बनायी गयी है.
PPP मोड पर तैयार होगा प्लांट
झारखंड में 4000 मेगावाट सोलर पावर प्लांट का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (Public Private Partnership- PPP) मोड पर प्लांट लगाए जाएंगे. इसके लिए निवेशकों (Investors) को नीति में कई रियायतें दी गयी है. राज्य में वर्ष 2027 तक 5200 करोड़ रुपये निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं, सरकार की बेकार पड़ी या इस्तेमाल न हो रही जमीनों की सूची तैयार की जाएगी. जेरेडा के माध्यम से निवेशकों को जमीन का आवंटन किया जाएगा.
घरों में रूफ टॉप प्लांट लगाने पर 40 फीसदी तक की सब्सिडी
केंद्र सरकार की ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर प्रोग्राम फेज-टू भी लागू किया गया है. इसके लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (Jharkhand Bijli Vitran Nigam Limited- JBVNL) को नोडल एजेंसी बनाया गया है. इस योजना के तहत कोई व्यक्ति अपने घर की छत पर तीन किलोवाट क्षमता तक का रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगता है, तो उसे 40 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी. एक किलोवाट की क्षमता का प्लांट लगाने पर 52 हजार रुपये की लागत आती है. यानी इसमें 18 हजार रुपये सब्सिडी दी जाएगी. इसी तरह तीन किलोवाट से 10 किलोवाट क्षमता तक के पावर प्लांट लगाने पर 20 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी.
तीन लाख से कम आय वालों को 80 फीसदी सब्सिडी
राज्य सरकार की सौर ऊर्जा नीति के तहत जिस व्यक्ति की आय सालाना तीन लाख रुपये से कम है और वह अपने घर में सोलर प्लांट लगाना चाहता है, तो उसे 80 फीसदी सब्सिडी जी जाएगी. वहीं, अगर किसान सौर ऊर्जा आधारित कृषि कार्य करते हैं, तो उन्हें भी लागत की 30 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. किसान अगर सोलर पंप लगाते हैं, तो 66-67 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी.
1000 गांव बनेंगे सोलर गांव
सौर ऊर्जा नीति में 1000 गांवों को सोलर विलेज बनाने का लक्ष्य है. इसके तहत दूरस्थ इलाकों के गांव के सभी काम सौर ऊर्जा से संचालित होंगे. चाहे घर की बिजली हो, आटा चक्की हो या सिंचाई के उपकरण सब ऊर्जा आधारित होगा. सोलर गांव से 110 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है.
गिरिडीह बनेगा सोलर सिटी
गिरिडीह जल्द ही सोलर सिटी के रूप में जाना जाएगा. योजना पर काम शुरू हो गया है. गिरिडीह को अभी 40 से 45 मेगावाट की जरूरत है. रूफ टॉप सोलर प्लांट और एक से दो जगहों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लांट लगाकार बिजली की जरूरत पूरी की जाएगी. यानी गिरिडीह पूरी तरह सौर ऊर्जा आधारित सिटी बन जाएगा.
31 जलाशयों में लगेंगे फ्लोटिंग प्लांट, 900 मेगावाट का लक्ष्य
राज्य सरकार ने 31 जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा है. इससे 900 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसी तरह नहरों पर 400 मेगावाट के कैनॉल टॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. घर की छतों पर 250 मेगावाट के लक्ष्य के साथ रूफ टॉप सोलर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे.
राज्य के सभी सरकारी भवनों और आवासों में भी लगेंगे प्लांट
राज्य के सभी कार्यालयों, स्कूलों और सरकारी आवासों में भी सौर ऊर्जा आधारित प्लांट लगाने का प्रावधान किया गया है, ताकि इन भवनों की बिजली की जरूरत सौर ऊर्जा से ही हो सके.
किस-किस क्षेत्र में सोलर पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य (उत्पादन मेगावाट में)
सोलर पावर : 700
नन पार्क सोलर : 1000
फ्लोटिंग सोलर : 900
कैनॉल टॉप सोलर : 400
रूफ टॉप सोलर : 250
कैप्टिव सोलर : 220
सोलर एग्रीकल्चर : 250
सोलर विलेज : 110
सोलर फॉर लाइवलीहुड : 50
सोलर पंप : 120
रिपोर्ट : सुनील चौधरी, रांची.