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Jharkhand News: रांची के हिनू रास्ता विवाद मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का हर्जाना

jharkhand news: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के हिनू में रास्ता विवाद मामले में दायर क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हस्तक्षेप कर्ता बसंती कच्छप पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही कहा किसी के माैलिक अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.

Jharkhand news: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने राजधानी रांची के हिनू में रास्ता विवाद मामले में दायर क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम के जवाब को देखते हुए मामले को निष्पादित कर दिया. साथ ही कोर्ट ने हस्तक्षेप याचिका दायर करनेवाली (intervention petition filed) बसंती कच्छप के खिलाफ नाराजगी जताते हुए एक लाख रुपये का हर्जाना लगाने का आदेश दिया. इसके अलावा हस्तक्षेप कर्ता के अधिवक्ता का कोर्ट के प्रति व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए झारखंड स्टेट बार काउंसिल को रेफर कर दिया.

किसी के माैलिक अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है : हाइकोर्ट

जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने माैखिक रूप से कहा कि किसी के माैलिक अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. यदि रास्ता है, तो उसे बंद नहीं किया जा सकता है. जहां तक मालिकाना हक की बात है, तो कोर्ट यहां मालिकाना हक डिसाइड नहीं कर रहा है. मालिकाना हक के लिए हस्तक्षेपकर्ता सक्षम अदालत में जा सकते हैं.

राज्य सरकार ने रखा अपना पक्ष

कोर्ट ने वर्ष 2003 के खंडपीठ के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि रांची नगर निगम का अस्तित्व है. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता शशांक शेखर ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि रास्ता खुल गया है. रांची नगर निगम की अोर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने पक्ष रखते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए चहारदीवारी हटा दी गयी है. राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता वंदना सिंह ने पक्ष रखा.

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हस्तक्षेप कर्ता ने पूर्व के आदेश वापस लेने का किया आग्रह

वहीं, हस्तक्षेप कर्ता की ओर से अधिवक्ता काैशलेंद्र प्रसाद ने पक्ष रखते हुए संविधान के प्रावधान का हवाला दिया. उन्होंने बताया कि झारखंड के शिड्यूल एरिया में नगरपालिका अधिनियम लागू नहीं होगा. रांची नगर निगम का कोई अस्तित्व नहीं है. उन्होंने अदालत से अपने पूर्व के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया.

बाउंड्रीवाल को तोड़ प्रार्थी को मिला था रास्ता

मालूम हो कि प्रार्थी गीता देवी एवं अन्य की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर हिनू इलाके में उनके घर के सामने बंद रास्ते को खुलवाने की मांग की गयी थी. प्रार्थियों का कहना था कि 1954-55 से वह रह रहे हैं. घर के सामने रास्ते का वह उपयोग करते हैं. कुछ स्थानीय लोगों ने चहारदीवारी खड़ी कर रास्ते को बंद कर दिया है. आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है. पिछली सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने रांची नगर निगम को चहारदीवारी तोड़ने का आदेश दिया था. डीसी और एसएसपी को सुरक्षा का इंतजाम करने काे कहा था. इसके बाद रांची नगर निगम ने चहारदीवारी तोड़ कर रास्ता खोला था.

हिनू चौक 8 घंटे रहा था जाम

इधर, बाउंड्रीवाल को तोड़े जाने के विरोध में पिछले दिनों आदिवासी समुदाय के लोगों ने रांची के हिनू चौक को 8 घंटे तक जाम रखा. हिनू चौक के जाम होने के कारण लोगों काे आवागमन में काफी परेशानी हुई थी. इस सड़क जाम में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव भी शामिल हुई थी. इस दौरान आंदोलनकारी डीसी और एसएसपी को बुलाने की मांग पर अड़े रहें. आखिरकार रात 8 बजे के बाद डीसी और एसएसपी हिनू चौक पहुंचे और आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर जाम खत्म कराया था.

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Posted By: Samir Ranjan.

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