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झारखंड में जनप्रतिनिधि ही चलायेंगे गांव की सरकार, मुखिया होंगे अध्यक्ष, कार्यकारी समिति का होगा गठन

Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के विघटन के बाद इनके संचालन का अधिकार हेमंत सरकार ने अधिकारियों को नहीं देकर पंचायत के जनप्रतिनिधियों को ही बरकरार रखा है. इसके साथ ही राज्य में पंचायत चुनाव होने तक पंचायत जनप्रतिनिधियों को सारे अधिकार निहित होंगे. हालांकि, राज्य सरकार ने इसके लिए कार्यकारी समिति के गठन का निर्णय लिया है. विघटन की तिथि से ही मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष ‘प्रधान कार्यकारी समिति’ के पदनाम के साथ अपना पद संभालेंगे.

Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के विघटन के बाद इनके संचालन का अधिकार हेमंत सरकार ने अधिकारियों को नहीं देकर पंचायत के जनप्रतिनिधियों को ही बरकरार रखा है. इसके साथ ही राज्य में पंचायत चुनाव होने तक पंचायत जनप्रतिनिधियों को सारे अधिकार निहित होंगे. हालांकि, राज्य सरकार ने इसके लिए कार्यकारी समिति के गठन का निर्णय लिया है. विघटन की तिथि से ही मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष ‘प्रधान कार्यकारी समिति’ के पदनाम के साथ अपना पद संभालेंगे.

गुरुवार को पंचायती राज विभाग के निदेशक आदित्य रंजन की ओर से जारी की गयी अधिसूचना में राज्य के सभी डीसी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिले में कार्यकारी समिति का गठन करें. समिति बनाने के लिए रूपरेखा तैयार कर दी गयी है. विघटन के बाद से समिति के माध्यम से ही व्यवस्था का संचालन होगा है. इसके तहत मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष ‘प्रधान कार्यकारी समिति’ के पदनाम के साथ अपना पद संभालेंगे. इसके बाद ये पूर्व की तरह ही अपने पदों पर संबंधित क्षेत्रों में कार्य कर सकेंगे.

काफी दिनों से हो रही थी मांग

गौरतलब है कि झारखंड में पंचायती राज संस्थाओं का विघटन होने के बाद इसका अधिकार अधिकारियों को देने पर विचार हो रहा था. लेकिन, राज्यभर के जनप्रतिनिधि इसका विरोध कर रहे थे. इन्होंने राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री व ग्रामीण विकास मंत्री से भी आग्रह किया था कि मौजूदा पंचायती राज संस्थाओं को समिति के माध्यम से व्यवस्था चलाने का अधिकार दिया जाये. इनकी मांगों पर गौर करते हुए गुरुवार को सरकार ने इनके हित में फैसला लिया.

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इस तरह होगी कार्यकारी समितियां

1. ग्राम पंचायत : झारखंड में वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायत की कुल 4402 है. हालांकि, 4 ग्राम पंचायत का विलय नगर परिषद में होने के कारण वर्तमान में ग्राम पंचायतों की संख्या 4398 रह गयी. वहीं, ग्राम पंचायत सदस्यों की बात करें, तो राज्य में ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या 54,330 है.

सामान्य क्षेत्रों के लिए :
– विघटित पंचायत के मुखिया समिति के अध्यक्ष रहेंगे. विघटित पंचायत के सभी निर्वाचित वार्ड सदस्य, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक (झारखंड पंचायत राज स्वशासन परिषद), अंचल निरीक्षक, बीडीओ द्वारा नामित ग्राम पंचायत क्षेत्र के निवासी और राज्य, केंद्र, सेना, रेल, सार्वजनिक उपक्रम से (वर्ग 3 से अन्यून श्रेणी) सेवानिवृत्त कोई एक व्यक्ति.

अनुसूचित क्षेत्रों के लिए :
– विघटित पंचायत के मुखिया समिति के अध्यक्ष होंगे. विघटित पंचायत के सभी निर्वाचित वार्ड सदस्य, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, अंचल निरीक्षक, ग्राम पंचायत के अंतर्गत सभी पारंपरिक प्रधान चाहे उन्हें जिन नामा से जाना जाता हो, वे सदस्य रहेंगे. मुखिया का पदनाम प्रधान कार्यकारी समिति ग्राम पंचायत होगा. प्रधान कार्यकारी समिति सभी कार्य निष्पादित करेंगे, जो एक निर्वाचित मुखिया करते हैं. उसी तरह प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, अंचल निरीक्षक व प्रखंड समन्वयक कार्यकारी समिति में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में रहेंगे. समिति के बैठक में मौजूद रहेंगे. इन्हें मतदान का अधिकार नहीं होगा. योजनाअों में अनियमितता को रोकने व विभाग के संज्ञान में लाने की जिम्मेदारी इनकी होगी.

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2. पंचायत समिति

– पंचायत समिति के विघटन के बाद पंचायत समिति के कार्यों के संचालन के लिए समिति के अध्यक्ष विघटित पंचायत समिति के प्रमुख होंगे. पंचायत समिति के विघटन की तिथि को झारखंड पंचायत राज अधिनियम की धारा-33 के अनुसार सदस्य रहे व्यक्ति, जिला पंचायत पदाधिकारी, संबंधित प्रखंड क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी और अंचलाधिकारी समिति के सदस्य होंगे. कार्यकारी समिति के अध्यक्ष का पदनाम प्रमुख के जगह प्रधान कार्यकारी समिति, पंचायत समिति होगा. ये सभी कार्य निर्वाचित प्रमुख की तरह करेंगे. सरकारी सेवक सरकार के प्रतिनिधि के रूप में रहेंगे. ग्राम पंचायत के लिए तय प्रावधानों के तहत इनका कार्य होगा.

3. जिला परिषद : झारखंड में जिला परिषद की संख्या 545 है.

– विघटित जिला परिषद के अध्यक्ष ही कार्यकारी समिति के अध्यक्ष होंगे. विघटित जिला परिषद के विघटन की तिथि को झारखंड राज अधिनियम की धारा 49 के तहत सदस्य रहे व्यक्ति, कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद, निदेशक ग्रामीण विकास अभिकरण, परियोजना निदेशक, आइटीडीए एवं उनके नहीं रहने पर जिला कल्याण पदाधिकारी सदस्य होंगे. कार्यकारी समिति के अध्यक्ष का पदनाम प्रधान कार्यकारी समिति, जिला परिषद होगा. इनके सारे कार्य और जवाबदेही उपरोक्त समितियों की तरह ही होंगी.

Posted By : Samir Ranjan.

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