रांची. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से अब तक चार महिलाएं ही संसद पहुंच पायी हैं. इनमें सुशीला केरकेट्टा, सुमन महतो, गीता कोड़ा व अन्नपूर्णा देवी शामिल हैं. वर्तमान लोकसभा चुनाव में एनडीए व इंडिया गठबंधन ने अब तक सात महिलाओं पर भरोसा जताया है. एनडीए ने सिंहभूम से गीता कोड़ा, दुमका से सीता सोरेन व कोडरमा लोकसभा सीट से अन्नपूर्णा देवी को मैदान में उतारा है. वहीं इंडिया गठबंधन ने सिंहभूम सीट से पूर्व मंत्री जोबा मांझी, धनबाद से कांग्रेस की अनुपमा सिंह, गोड्डा से कांग्रेस ने दीपिका पांडेय सिंह व पलामू से राजद ने ममता भुइयां को प्रत्याशी बनाया है.
2004 में 13 महिलाएं लड़ी थी चुनाव, सिर्फ सुशीला केरकेट्टा बनी थी सांसद
वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में 13 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी थी, लेकिन सिर्फ सुशीला केरकेट्टा खूंटी लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंची थी. इस चुनाव में तीन महिलाएं दूसरे नंबर पर रही थीं. कोडरमा सीट से चंपा वर्मा दूसरे स्थान पर रही थी. वह बाबूलाल मरांडी से चुनाव हार गयी थीं. धनबाद सीट से रीता वर्मा व जमशेदपुर सीट आभा महतो भी दूसरे स्थान पर रही थीं. वहीं सांसद सुनील महतो की हत्या के बाद उनकी पत्नी सुमन महतो जमशेदपुर सीट से उप चुनाव में जीत कर संसद पहुंची थी. सुनील महतो वर्ष 2004 के चुनाव में जमशेदपुर से जीत कर सांसद बने थे. इनकी हत्या चार मार्च 2007 को नक्सलियों ने कर दी थी. इसके बाद हुए उप चुनाव में सुनील महतो की पत्नी सुमन महतो चुनाव जीत कर सांसद बनी थी.
2009 व 2014 में कोई महिला नहीं जीत पायी थी चुनाव
वर्ष 2009 व 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कोई भी महिला चुनाव नहीं जीत पायी थी. हालांकि वर्ष 2009 में 14 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी थीं. वहीं 2014 में 18 महिलाएं चुनाव लड़ी थी, लेकिन इस दोनों चुनाव में कोई महिला नहीं जीत पायी. सिंहभूम सीट से गीता कोड़ा को दूसरे स्थान पर रह कर संतोष करना पड़ा था.
2019 में गीता कोड़ा व अन्नपूर्णा देवी ने जीती थी
वर्ष 2019 में हुई लोकसभा चुनाव में 25 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी थी, लेकिन सिर्फ दो महिलाएं ही चुनाव जीत पायी थी. सिंहभूम सीट से कांग्रेस की टिकट पर गीता कोड़ा व कोडरमा से भाजपा की टिकट पर अन्नपूर्णा देवी ने चुनाव जीता था. इसके बाद अन्नपूर्णा देवी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शामिल किया गया. वर्तमान लोकसभा चुनाव में भी गीता कोड़ा व अन्नपूर्णा देवी भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ रही हैं.
हर चुनाव में बढ़ रही है महिलाओं की भागीदारी
राज्य गठन के बाद से चुनाव में लगातार महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. वर्ष 2004 में 13 महिलाएं चुनाव में उतरी थीं. इसके बाद से हर चुनाव में इनकी संख्या बढ़ती गयी. 2019 में सबसे अधिक 25 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी.