रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले पर स्पीकर रबींद्रनाथ महतो आज सुनवाई कर रहे हैं. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल को लेकर चार शिकायतों पर सुनवाई हुई है. स्पीकर ने दलबदल मामले में बाबूलाल मरांडी का पक्ष सुना है. स्पीकर अब शिकायतकर्ता का पक्ष सुनेंगे.
इस मामले पर बाबूलाल मरांडी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि याचिका की सुनवाई में पहले ही देरी हो चुकी है. 10 महीने से ज्यादा का वक्त चला गया है. दलबदल के इस मामले को इसी आधार पर निरस्त कर देना चाहिए. वहीं दलबदल कानून के तहत याचिका डालने वाले याचिकाकर्ताओं के वकील सुनील गड़ोदिया ने कहा, इसमें अभी देरी नहीं हुई है मामले की सुनवाई होनी चाहिए और दलबदल कानून के तहत जिस दिन से ज्वाइनिंग हुई है उसी दिन से सदस्यता निरस्त की जानी चाहिए.
स्पीकर ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बाबूलाल मरांडी की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि दलबदल के मुद्दे पर सुनवाई होगी और अब इस मामले में संवैधानिक पहलुओं पर चर्चा होगी. यह बाबूलाल के लिए परेशानी की वजह बन सकता है, क्योंकि अब स्पीकर इस मसले पर सुनवाई करेंगे कि उनकी सदस्यता रहेगी या नहीं.
झाविमो से भाजपा में शामिल होने वाले श्री मरांडी के खिलाफ स्पीकर श्री महतो को पूर्व विधायक राजकुमार यादव, झामुमो विधायक भूषण तिर्की, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय व विधायक प्रदीप यादव व कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने याचिका दी है. स्पीकर इसी के आलोक में सुनवाई कर रहे हैं.
इससे पूर्व स्पीकर श्री महतो ने छह मई को सुनवाई की थी़ बदलते राजनीतिक हालात के बीच स्पीकर श्री महतो का न्यायाधिकरण सक्रिय हुआ है़ ऐसे में लोगों की निगाह स्पीकर के न्यायाधिकरण पर भी होगी़ श्री मरांडी के खिलाफ दायर शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है.
भाजपा में झाविमो का विलय मान्य नहीं है. इसके साथ ही झाविमो से जीतनेवाले तीन विधायकों में वह अकेले भाजपा में शामिल हुए हैं. यह संख्या दो तिहाई नहीं है़ ऐसे में श्री मरांडी की सदस्यता खत्म की जाये़ . इधर, पूरे मामले में श्री मरांडी के पक्ष में दलील दी जा रही है कि इससे संबंधित मामला हाइकोर्ट में चल रहा है़ ऐसे में स्पीकर के न्यायाधिकरण में सुनवाई नहीं हो. यह दो संस्थाओं के टकराव का मामला न बन जाये़ इसके साथ ही श्री मरांडी का पक्ष है कि दलबदल को लेकर उनके खिलाफ काफी देर से याचिका दी गयी है़.
झाविमो का भाजपा में विलय के 10 महीने के बाद याचिका दी गयी है़ यह सब जानबूझ कर किया गया है़ स्पीकर श्री महतो ने पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों को सुना. नौ मई की सुनवाई महत्वपूर्ण होगी. इसको लेकर तरह-तरह की अटकलें राजनीतिक गलियारे में लग रही हैं.