अवैध बूचड़खानों (स्लाॅटर हाउस) पर अंकुश लगाने के बाद अब जिला प्रशासन ने शहर के अवैध मीट हाउस पर भी कार्रवाई की याेजना तैयार की है. उपायुक्त मनोज कुमार ने कहा है कि बगैर लाइसेंसवाले मीट हाउस बंद होंगे. उपायुक्त बुधवार को समाहरणालय के सभागार में मीडिया संवाद में बोल रहे थे.
रांची: मीडिया संवाद के दौरान उपायुक्त मनोज कुमार ने बताया कि रांची नगर निगम से शहर के मीट हाउसों की सूची मांगी गयी है. सूची आते ही संबंधित थानों को भेज दी जायेगी. ताकि, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
उन्होंने कहा कि नगर निगम से स्लाॅटर हाउस की भी सूची मांगी गयी है, सूची आते ही कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. स्लाॅटर हाउस को भी नोटिस जारी किया जायेगा. एसडीओ सदर व एसडीओ बुंडू को प्रभारी बनाया गया है. थानों को सर्वे करने का निर्देश जारी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अप्रैल माह से कई नयी चीजें होने वाली हैं. ठेला वेंडर व्यवस्था भी खत्म होगी. रांची में ठेला वेंडरों की संख्या 426 है. मौके पर एडीएम विधि व्यवस्था गिरिजा शंकर प्रसाद, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी गीता चौबे, एडीएम नक्सल पूनम झा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
सहमति के बाद ही भूमि अधिग्रहण होगा : कांटाटोली में रैयतों ने फ्लाई ओवर के लिए अपनी सहमति जता दी है. लेकिन, हरमू में इसका विरोध हो रहा है. इस पर उपायुक्त मनोज कुमार ने कहा कि हरमू में रैयतों के साथ बैठक कर उन्हें समझाया जायेगा.
स्कूलों से फीस की जानकारी मांगी गयी : एक सवाल के जवाब में उपायुक्त ने कहा कि 31 मार्च को प्राचार्यों की बैठक बुलायी गयी है. उनसे पिछले साल का फीस डिटेल मांगा गया है. क्योंकि, स्कूलों को फीस मद में 15 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नहीं की जानी है. झारखंड में फीस रेगुलेट्री का गठन किया जा रहा है.
आदिम जनजाति को घर में पहुंचाना है अनाज : अप्रैल माह से खाद्य सुरक्षा के तहत आदिम जनजातियों को उनके घर पर ही 35 किलो अनाज दिया जायेगा. इसके लिए बीएसओ डीलर का काम करेंगे. जेएसएलपीएस के साथ करार भी हो चुका है.
अवैध मीट दुकानों को नगर निगम ने जारी किया नोटिस
शहर में अवैध रूप से संचालित मीट दुकानों को रांची नगर निगम ने बंद कराने की कवायद शुरू कर दी है. नगर आयुक्त प्रशांत कुमार के आदेश पर बुधवार को रांची नगर निगम के हेल्थ ऑफिसर डॉ किरण ने अवैध रूप से संचालित इन दुकानों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है.
जारी नोटिस में इन दुकानदारों
से कहा गया है कि उन्हें सिर्फ अपने दुकान में मीट बेचने का परमिशन दिया गया है. न कि खस्सी काटने का. इसलिए जब तक नगर निगम
का स्लॉटर हाउस तैयार नहीं हो जाता है, वे मांस का बिक्री न करें. ज्ञात हो कि नगर निगम के पास 180 मीट दुकानों की सूची है. इनमें से केवल 52 दुकानों ने ही रांची नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त किया है. जिन दुकानों को लाइसेंस दिया भी गया है. उन्हें केवल मांस बेचने की अनुमति दी गयी है. पशु काटने की अनुमति नहीं दी गयी है.
खस्सी काटा या बेचा, तो लगेगा दो हजार जुर्माना
स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ किरण ने बताया कि निगम के रोक के बावजूद अगर कोई दुकानदार खस्सी काटकर मांस बेचता है, तो ऐसे दुकानदारों से दो हजार रुपये जुर्माना वसूला जायेगा. उन्होंने कहा कि सभी दुकानदारों को इस आदेश का पालन कड़ाई से करना है.
कुछ ने खुद, तो कुछ ने नोटिस मिलने के बाद बंद किये बूचड़खाने
राजधानी में अवैध रूप से चले रहे अधिकांश बूचड़खाने पिछले दो दिनों से बंद कर दिये गये हैं. इनमें से कुछ ने अपने बूचड़खाने खुद से बंद किये हैं, जबकि कुछ ने नोटिस मिलने के बाद. लोअर बाजार पुलिस ने गत मंगलवार को थाना क्षेत्र के 18 लोगों को नोटिस सर्व कराया था. पुलिस को नोटिस सर्व कराने के दौरान सभी बूचड़खाना बंद मिले थे. इसी तरह हिंदपीढ़ी पुलिस ने थाना क्षेत्र के 25 लोगों को नोटिस सर्व करा चुकी है.
हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी ने बताया कि मंगलवार को कुछ बूचड़खाने खुले थे, जबकि कुछ पहले से बंद थे. लेकिन नोटिस सर्व कराने के बाद सभी लोगों ने बुधवार से बूचड़खाना बंद कर दिया है. डोरंडा पुलिस इलाके में चल रहे अवैध बूचड़खाना के संबंध में ब्योरा तैयार कर रही है. ब्योरा तैयार होने के बाद सभी को नोटिस सर्व कराया जायेगा. इसके अलावा ग्रामीण इलाके के थाना प्रभारी से ग्रामीण एसपी राज कुमार ने अवैध बूचड़खाना के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने कहा है. रिपोर्ट तैयार होने के बाद सभी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. राजधानी के भी सभी थाना प्रभारी को अवैध बूचड़खाने के संबंध में सूची तैयार करने को कहा गया कि, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
वर्ष 2005 तक शहर में संचालित थे दो बूचड़खाने
वर्ष 2005 तक राजधानी में दो बूचड़खाना का संचालन होता था. पहला बूचड़खाना कांटाटोली चौक के समीप के कुरैशी मोहल्ला में था. वहीं, दूसरा बूचड़खाना डोरंडा में संचालित किया जाता था. इन दोनों बूचड़खानों के संचालन के लिए नगर निगम बाकायदा लोगों से बोली लगवाती थी. परंतु वर्ष 2005 में तात्कालीन अर्जुन मुंडा के सरकार द्वारा गोवंश हत्या पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद इन दोनों बूचड़खानों में ताला लग गया. उसके बाद से इन बूचड़खानों के संचालन के लिए स्थानीय लोगों ने निगम से कई बार फरियाद की, लेकिन नगर निगम ने इन्हें दोबारा नहीं खोला.
कांके में बन रहा नगर निगम का स्लाॅटर हाउस
रांची नगर निगम द्वारा वर्तमान में कांके में अत्याधुनिक वधशाला (स्लॉटर हाउस) का निर्माण कराया जा रहा है. निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. अप्रैल से इसके शुरू होने की संभावना है. इस वधशाला में प्रतिदिन 500 भेड़ और खस्सी काटे जायेंगे. इसके बाद यहीं से मीट की प्रोसेसिंग कर उसे पूरी रांची की दुकानों में सप्लाई किया जायेगा. दुकानदार अब केवल मीट बेचेंगे. किसी प्रकार के खस्सी या भेड़ काटने का अधिकार इन्हें नहीं हाेगा. अगर कोई ग्रामीण चाहे, तो अपने खस्सी या भेड़ को यहां लाकर कटवा सकता है. इसके लिए उसे निर्धारित शुल्क देना हाेगा. खस्सी कटने के बाद उसके मांस को संबंधित व्यक्ति को ही सौंप दिया जायेगा.