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अंतिम सर्वे हो स्थानीयता के निर्धारण का आधार : आजसू

रांची : आजसू पार्टी ने वर्तमान स्थानीय नीति का विरोध किया है. पार्टी के केंद्रीय अधिवेशन की बैठक में कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नीति के वर्तमान स्वरूप का विरोध किया है. कार्यकर्ताओं की राय है कि स्थानीय नीति में अंतिम सर्वे सटेलमेंट को अाधार बनाया जाना चाहिए. यह जानकारी पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत […]

रांची : आजसू पार्टी ने वर्तमान स्थानीय नीति का विरोध किया है. पार्टी के केंद्रीय अधिवेशन की बैठक में कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नीति के वर्तमान स्वरूप का विरोध किया है. कार्यकर्ताओं की राय है कि स्थानीय नीति में अंतिम सर्वे सटेलमेंट को अाधार बनाया जाना चाहिए. यह जानकारी पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत प पूर्व विधायक उमाकांत रजक ने शनिवार को प्रेस को दी.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन सीएनटी-एसपीटी एक्ट, स्थानीयता, सामाजिक न्याय और युवा रोजगार व विस्थापन पर चर्चा हुई. इसमें पार्टी द्वारा स्थानीय नीति पर सरकार को सौंपे गये स्मार पत्र के विषयों की जानकारी दी गयी. अधिवेशन में हिस्सा ले रहे कार्यकर्ताओं ने सरकार को सौंपे गये स्मार पत्र को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है.
इस मामले में पार्टी का मानना है कि राज्य और जिला स्तर की नियुक्तियों में वैसे लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, जिनके पूर्वजों की जमीन या वासगित अंतिम सर्वे सेटलमेंट में दर्ज हो. जिला स्तर पर होने वाली नियुक्तियों में उसी जिले की स्थानीय भाषा में इंटरव्यू होना चाहिए. झारखंड लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा काे महत्व दिया जाना चाहिए. इस कारण पार्टी का मानना है कि स्थानीय नीति में संशोधन होना चाहिए.
नेताओं ने बताया कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के मामले में पार्टी की पहल का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है. सरकार ने एक्ट में जो संशोधन किया है, वह आदिवासी और मूलवासी विरोधी है. इसका आदिवासी और मूलवासियों पर दूरगामी असर पड़ेगा. इससे आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है. झारखंडियों का स्वाभिमान खतरे में पड़ गया है.
जनता की आकांक्षा के अनुरूप स्थायी सरकार
नेताओं ने एक सवाल के जवाब में कहा कि झारखंड सरकार जनता की आकांक्षा के अनुरूप बनायी गयी है. खंडित जनादेश के कारण कई काम नहीं हो पाते थे. आजसू पार्टी चाहती थी कि मजबूत और बहुमत की सरकार अच्छा निर्णय ले. लेकिन, स्थानीयता और सीएनटी-एसपीटी एक्ट के मामले में आजसू पार्टी सरकार से सहमत नहीं है. इस मामले में जनता जो कहेगी वहीं होगा. इन दोनों मुद्दों के कारण झारखंड के मान-सम्मान को आघात पहुंचा है. आजसू पार्टी सरकार बनाने और गिराने के खेल में नहीं शामिल होती है. पार्टी मुद्दों पर काम करती है.
केंद्रीय कार्यसमिति का होगा पुनर्गठन
नेताओं ने बताया कि पांच साल में केंद्रीय अधिवेशन होता है. इसमें नयी कार्यकारिणी बनायी जाती है. रविवार को नयी कार्यकारिणी की घोषणा भी की जा सकती है. अधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो, विधायक विकास मुंडा, रामचंद्र सहिस, चंद्र प्रकाश चौधरी आदि शामिल हुए.
आज भावी कार्यक्रम की होगी घोषणा
नेताओं ने बताया कि सदन की राय के बाद पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक होगी. इसमें दोनों मुद्दे पर कार्यक्रम की घोषणा होगी. इसमें आंदोलन की रणनीति भी तैयार हो सकती है. इसकी घोषणा रविवार को मोरहाबादी मैदान में होने वाले खुले सत्र में होगी. इसमें राजनीतिक, सांगठनिक और संवैधानिक निर्णयों की जानकारी भी खुले सत्र में दी जायेगी.

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