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प्रकाशकों की बकाया राशि भुगतान को स्वीकृति नहीं

रांची : वर्ष 2014-15 में राज्य के सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक छपाई में प्रकाशकों की बकाया राशि भुगतान को शिक्षा परियोजना परिषद ने स्वीकृति नहीं दी है. झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की बैठक में प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें भुगतान पर सहमति नहीं बनी. वर्ष 2014-15 के किताब की छपाई […]

रांची : वर्ष 2014-15 में राज्य के सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक छपाई में प्रकाशकों की बकाया राशि भुगतान को शिक्षा परियोजना परिषद ने स्वीकृति नहीं दी है. झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की बैठक में प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें भुगतान पर सहमति नहीं बनी.
वर्ष 2014-15 के किताब की छपाई के टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत भारत सरकार से की गयी थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने प्रकाशकों के भुगतान पर रोक लगा दी थी़. भारत सरकार ने मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था. राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनायी थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में टेंडर शर्त में किये गये बदलाव से किताब की छपाई की लागत में बढ़ोतरी की बात कही है़
इसके अलावा बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी पर भी कमेटी ने सवाल खड़ा किया है़ जांच रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी गयी थी. भारत सरकार ने अब तक राशि भुगतान को स्वीकृति नहीं दी है. इसके बाद झारखंड शिक्षा परियोजना की आेर से राशि भुगतान का मामला कार्यकारिणी परिषद में रखा गया था. परिषद की बैठक में इस पर सहमति नहीं बनी. मामले को कार्यकारिणी की अगली बैठक में रखने की बात कही गयी.
65 फीसदी राशि देती है भारत सरकार
राज्य में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सर्वशिक्षा अभियान के तहत नि:शुल्क किताब दी जाती है. किताब के लिए 65 फीसदी राशि भारत सरकार व 35 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. केंद्र सरकार द्वारा राशि नहीं दिये जाने पर पूरी राशि राज्य सरकार को देनी होगी. वर्ष 2014-15 में किताब की छपाई पर लगभग 99 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

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