पिस्कानगड़ी: नगड़ी के कुदलूम स्थित आदित्य प्रकाश जालान सरस्वती विद्या मंदिर में शनिवार से चार दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन सह समिति सदस्य प्रबोधन वर्ग का शुभारंभ हुआ. मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन ने कहा कि प्रधानाचार्य व विद्यालय प्रबंधन रथ के दो पहिया के समान हैं.
अगर समन्वय बनाकर चलें, तो विद्यालय का विकास निश्चित है. उन्होंने कहा कि विद्यालय संस्कृति की धरोहर हैै. रंजन ने विद्यालय में आधुनिक शिक्षा व्यवस्था पर जोर दिया. कहा कि विद्यालय में अनुशासन व्यवस्था में प्रधानाचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होेनी चाहिए. साथ ही जीवन में अपने नैतिक कर्तव्य के प्रति जिम्मेवार भी होना चाहिए. शिक्षा के क्षेत्र में स्वच्छता व पवित्रता का भाव जीवन में परिलक्षित होना चाहिए.
विद्या विकास समिति के झारखंड प्रदेश सचिव मुकेश नंदन ने कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की राज्य इकाई विद्या विकास समिति के अंतर्गत राज्य में चलनेवाले 250 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के अलावा प्रबंध समिति के सदस्य सम्मेलन में आये हैं. कार्यक्रम में वर्ष भर की उपलब्धियों की चर्चा होगी. साथ ही नये वर्ष की योजनाओं का प्रारूप तैयार किया जायेगा. मौके पर विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री प्रकाश चंद्र, क्षेत्रीय संगठन मंत्री दिवाकर घोष, मंत्री डॉ कमल किशोर सिन्हा, सचिव दिलीप कुमार झा, विद्या विकास समिति के अध्यक्ष राम अवतार नारसरिया, ज्वाला तिवारी, कृपा शंकर शर्मा, राजीव कमल बिट्टू, सुधांशु कुमार वर्मा, हिमांशु कुमार वर्मा, डॉ एमएस भट्ट मुख्य रूप से उपस्थित थे.