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राजधानी की गलियाें को लोगों ने बना दिया यूरिनल

राजधानी रांची को स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 की टॉप-20 शहरों की सूची में शामिल करने के लिए सरकार और नगर निगम हर संभव कोशिश में जुटे हुए हैं. इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत जगह-जगह सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. चौक-चौराहाें और गली-मुहल्लों में सुलभ शौचालय और यूरिनल बनाये गये हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इनका […]

राजधानी रांची को स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 की टॉप-20 शहरों की सूची में शामिल करने के लिए सरकार और नगर निगम हर संभव कोशिश में जुटे हुए हैं. इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत जगह-जगह सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. चौक-चौराहाें और गली-मुहल्लों में सुलभ शौचालय और यूरिनल बनाये गये हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इनका इस्तेमाल नहीं करते हैं. हालत यह है कि लोगों ने लघुशंका करने के लिए गलियां निर्धारित कर ली हैं. लघुशंका कर लोगों ने पूरी गली को गंदा कर दिया है. हालात यह है कि यहां से गुजरना मुश्किल है. महिलाएं और युवतियां तो उन गलियों से गुजरने मेेेें परहेज करती हैं. ‘प्रभात खबर’ की टीम ने मंगलवार को राजधानी के उन गलियों का जायजा लिया, जो यूरिनल गली बन गयी है.
रांची : राजधानी रांची भी उन 500 शहरों में शामिल है, जो स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 में शामिल हैं. इस प्रतियोगिता के तहत शहर की स्वच्छता का जायजा लेने के लिए दो दिनों बाद केंद्र सरकार की टीम आनेवाली है. रांची नगर निगम पूरी कोशिश में है कि टीम के सामने शहर की खराब छवि प्रस्तुत न हो, लेकिन यहां के लोग ही शहर की छवि बिगाड़ने पर तुले हुए हैं. अगर अपने दौरे के क्रम में केंद्र की टीम उन जगहों का मुआयना करती है, जिन्हें लोग यूरिनल के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, तो शहर की छवि बिगाड़ना तय है.
1969 पर कॉल कर बढ़ायें रांची की रैकिंग : स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 के तहत चल रही प्रतियोगिता में रांचीवासी अपने शहर को बेहतर अंक दिला सकते हैं. इसके लिए रांची नगर निगम ने लोगों से 1969 या टोल फ्री नंबर 18002672777 पर कॉल करने की अपील है. इन नंबरों काे डायल करने कॉल कट जायेगी. इसके थोड़ी देर बाद ही कॉल करनेवाले को वापस कॉल आयेगी. इसमें कॉल रिसीव करनेवाले को अपना पिन कोड नंबर दर्ज करना होगा. इसके बाद उससे उसके शहर की स्वच्छता से संबंधित छह प्रश्न पूछे जाएंगे. रांची नगर निगम ने राजधानी के लोगों से अधिक से अधिक कॉल कर स्वच्छ सर्वेक्षण में रांची शहर की रैंकिंग बढ़ाने का आग्रह किया है. यह कॉल मुफ्त होगी.
शुरू नहीं हो पाये मॉड्यूलर शौचालय : स्वच्छ भारत मिशन के तहत रांची नगर निगम द्वारा राजधानी के विभिन्न चौक-चौराहों में बनाये गये माड्यूलर शौचालय का उदघाटन मंगलवार को भी नहीं हो पाया. उदघाटन की तिथि तीसरी बार (17 जनवरी ) भी फेल हो गयी. जबकि, निर्माण एजेंसी पासा सेल्स ने मंगलवार को इसे आम आदमी के लिए खोलने का आश्वासन दिया था. ऐसे में शहर के चौक-चौराहों पर मॉड्यूलर शौचालय शो पीस बना हुआ है. गौरतलब है कि एजेंसी ने पहले पांच जनवरी फिर 15 जनवरी को उदघाटन करने की तिथि तय की थी, लेकिन किसी विवशता के कारण इसे चालू नहीं किया जा सका था. स्वच्छता सर्वेक्षण का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम 20 जनवरी को रांची आ रही है. अगर टीम के आने से पहले ये मॉड्यूलर शौचालय शुरू न हुए तो सरकार व निगम के प्रयास की पोल खुल जायेगी. इससे स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 की प्रतियोगिता में टॉप-20 में स्थान पाने के लक्ष्य से हम काफी दूर हो जायेंगे. कोतवाली थाना के सामने : राजधानी के प्रमुख स्थल शहीद चौक से 50 कदम की दूरी पर कोतवाली थाना है. थाना के सामने की नाली को लोगों ने यूरिनल बना दिया है. अपर बाजार, जिला स्कूल, पुस्तक पथ से लोग यहां लघुशंका करने आते हैं. यह जगह थाना के ठीक सामने है, लेकिन लघुशंका करनेवालों को काेई नहीं रोकता है. इसके अलावा पास ही महिला थाना भी है, लेकिन बेझिझक लोग हल्का होने यहां चले आते हैं.
राजभवन की दीवार : राजभवन की दीवार को भी लोगों ने नहीं छोड़ा है. रामप्यारी चौराहा के पास स्थित नाले का भी यही हाल है, जबकि यह सबसे व्यस्ततम चौराहा है, जहां से सैकड़ों लोग गुजरते हैं. स्कूल-कॉलेज जानेवाली युवतियां भी यहीं से गुजरती हैं. इसके बावजूद लोग बेशर्मी से यहां लघुशंका करते हैं. रामप्यारी चौराहा के आसपास के दुकानदार, ऑटो चालक, ऑटो से उतरनेवाले लोग लघुशंका करते हुए दिखाई देते हैं.
रोस्पा टावर के पास : राेस्पा टावर के पास की गली भी यूरिनल बन गयी है. यहां अक्सर लोगों को लघुशंका करते हुए देखा जा सकता है. एक दुकानदार ने बताया कि रोस्पा टावर में शौचालय नहीं है, इसलिए दुकानदार यही हल्का होने के लिए जाते हैं. इसके अलावा बाजार में खरीदारी करनेवाले पुरुषों को लघुशंका लगने पर यहीं हल्का होने के लिए कहा जाता है. रोस्पा टावर के पास मोटरपार्टस की दुकान और कुछ जांच घर है, यहां के लोग भी लघुशंका के लिए उसी गली में जाते हैं.
कचहरी चौक की दीवार : कचहरी चौक स्थित नाली को लोगों ने लघुशंका का अड्डा बना लिया है. बीच चौराहे पर लाेगों को हल्का होते देखा जा सकता है. हालांकि, नगर निगम द्वारा यहां यूरिनल का निर्माण किया गया है, लेकिन लोग यूरिनल के बजाय चौक की नाली का उपयोग करते हैं. यहां कचहरी चौक के दुकानदार, फल व ठेला लगानेवाले लोग इसी जगह का उपयोग करते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि चौक पर ही पुलिस पिकेट भी है, लेकिन इसका भय भी लोगों को भी नहीं है.
शास्त्री मार्केट के सामने वाली गली : शास्त्री मार्केट के सामने की गली को भी लोगों ने यूरिनल को तब्दील कर दिया है. बाजार में एक भी शौचालय नहीं है, इसलिए बाजार के दुकानदार गली में आ कर हल्का होते हैं. गली में फुटपाथ दुकानदार भी लघुशंका करने के लिए उसी गली में आते हैं. यह शहर का प्रमुख मार्ग के बगल की गली, इसके बावजूद यहां लोगों ने गली को गंदा बना दिया है.
इन जगहों की भी हालत खराब : रातू रोड स्थित देवकमल अस्पताल की दीवार, रांची विवि की दीवार, लाइन टैंक तालाब को जानेवाली गली, अलबर्ट एक्का चौक से आरजी स्ट्रीट थड़पखना जानेवाली गली, विशाल मेगा मार्ट के समीप से जाने वाली बाइलेन गली, मैकी रोड सहित कई अन्य सड़कें ऐसी हैं, जहां लोग लघुशंका करते दिख जाते हैं.

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