रांची: सलाहकार परिषद ने अपग्रेडेड हाइ स्कूलों में घंटी आधारित शिक्षकों को नियुक्ति करने की अनुमति दे दी. पेंशन बकाये के रूप में बिहार को 100 करोड़ रुपये देने की भी स्वीकृति दी. वहीं रिम्स में लेबोरेटरी मेडिसिन विभाग खोलने पर सहमति दी. संविदा पर नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटरों और इंजीनियरों का मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया. इसके अलावा देवघर सदर अस्पताल के लिए 5.40 करोड़ रुपये के संशोधित एस्टीमेट की स्वीकृति समेत जमीन और शादी के निबंधन में आधार कार्ड को पहचान के रूप में जोड़ने की अनुमति दी.
सलाहकार परिषद ने राज्य के 1232 अपग्रेडेड हाइ स्कूलों में घंटी के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की अनुमति दी. प्रति विद्यालय छह शिक्षकों के हिसाब से इन अपग्रेडेड स्कूलों में कुल 7392 शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इन पदों पर 65 साल उम्र तक के सेवानिवृत्त शिक्षा या संबंधित विषयों में स्नातक के साथ बीएड डिग्री धारक युवक नियुक्त हो सकेंगे. एक शिक्षक एक दिन में अधिकतम दो घंटी ही पढ़ा सकेंगे.
उन्हें प्रति घंटी 200 रुपये की दर से भुगतान किया जायेगा. जिला शिक्षा अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित समिति शिक्षकों की नियुक्ति करेगी. सलाहकार परिषद ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पेंशन बकाया मद में बिहार को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने पर सहमति दी. जनसंख्या के आधार पर की गयी गणना के आधार पर इस मद में 584 करोड़ रुपये बिहार को देना है. इस राशि में से पिछले वित्तीय वर्ष तक बिहार को 150 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. हालांकि, बिहार द्वारा कर्मचारियों की संख्या के आधार पर पेंशन बकाया मद में 2584 करोड़ रुपये का दावा किया जाता है.
सलाहकार परिषद ने संविदा पर नियुक्त कंप्यूटर प्रोग्रामर को मानदेय प्रति माह 25900, सहायक प्रोग्रामर का 24800 और कंप्यूटर ऑपरेटर का 14700 रुपये करने का फैसला लिया. मनरेगा में संविदा पर नियुक्त सहायक अभियंता को 19 हजार और कनीय अभियंता को 17 हजार रुपये मानदेय का फैसला लिया. मनरेगा में सेवानिवृत्त इंजीनियरों को नियुक्त करने की उम्रसीमा बढ़ा कर 63 साल कर दी गयी.देवघर सदर अस्पताल के लिए 5.40 करोड़ रुपये के पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति दी. 100 बेडवाले इस अस्पताल की संरचना ऐसी होगी कि उससे 300 बेड तक बढ़ाया जा सके. परिषद ने जमीन और शादी के निबंधन में आधार कार्ड को पहचान के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी.