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पानी का उपयोग आर्थिक विकास में हो

रांची: कृषि ग्राम विकास केंद्र (केजीवीके) रूक्का के वाइस प्रेसिडेंट व उषा मार्टिन के निदेशक बृज किशोर झवर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था हो जाये, तो इस पानी का उपयोग ग्रामीणों के आर्थिक विकास में कैसे हो, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है़. कृषि को लाभकारी बनाने के लिए […]

रांची: कृषि ग्राम विकास केंद्र (केजीवीके) रूक्का के वाइस प्रेसिडेंट व उषा मार्टिन के निदेशक बृज किशोर झवर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था हो जाये, तो इस पानी का उपयोग ग्रामीणों के आर्थिक विकास में कैसे हो, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है़.

कृषि को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को सिंचाई के साथ-साथ कृषि की नवीनतम तकनीक, फसलों के उन्नत प्रभेद और उन्नत कृषि उपकरणों की भी जानकारी देनी होगी. ़इस कार्य में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, हार्प पलांडु तथा हजारीबाग स्थित सेंट्रल अपलैंड राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञों की मदद ली जाय़े ग्रामीण किसानों की जानकारी बढ़ाने के लिए फसलों के पैकेज ऑफ प्रैक्टिस व संबंधित फसलों की तसवीर कम्युनिटी सेंटर में लगाये जायें.

श्री झवर ने गुरुवार को ओरमांझी प्रखंड के करमा माइक्रो वाटरशेड कार्यक्रम के तहत किये गये कार्यो का निरीक्षण किया. इस क्रम में ग्रामीण किसानों व महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों से भी रू-बरू-हुए़ उन्होंने इरबा स्थित टंगराटोली, पाहनटोली व बरवे स्थित स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को समिति के बेहतर संचालन को लेकर कई जानकारियां दीं. इसके साथ ही उन्हें घरों में ट्रांसपैरेंट शीट लगाने, सौर उर्जा के उपयोग, श्रीविधि से धान की खेती के फायदे, किचन गार्डेन व पशुपालन से जुड़े लाभ की भी जानकारी दी़ उन्होंने बरवे की महिला समिति सदस्यों के आग्रह पर कार्रवाई करते हुए वहां एक सिलाई सेंटर खोलने का भी निर्देश दिया़

जल संसाधन व भूमि संरक्षण की दिशा में कई कार्य हो रहे : श्री झवर ने करमा माइक्रो वाटरशेड के इरबा पाहनटोली में एतवा उरांव की खेत में बने तालाब का निरीक्षण किया. इस क्रम में उन्हें इस माइक्रो वाटर शेड में किये जा रहे कार्यो की भी जानकारी दी गयी़ यहां सात नये तालाब, तीन पुराने तालाबों का जीर्णोद्घार, दो डोभा के जीर्णोद्घार, एक नये डोभा का निर्माण, कुओं का जीर्णोद्घार, मेढ़बंदी के कार्य व जमीन समतलीकरण के कार्य समेत कई प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य किये जा रहे हैं. इसके अलावा आजीविका के क्षेत्र में मुर्गी पालन, बत्तख पालन, बकरी पालन व मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में भी कार्य किए जा रहे हैं.

पारा शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रहा है केजीवीके
केजीवीके वाइस प्रेसिडेंट बृजकिशोर झवर इरबा पाहनटोली स्थित राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षकों व बच्चों से मिल़े प्रधानाध्यापिका नीलमणि हेरेंज ने बताया कि यहां कक्षा आठ तक के 329 बच्चों के लिए सिर्फ चार शिक्षक नियुक्त हैं़ जिसमें तीन पारा शिक्षक हैं. केजीवीके द्वारा यहां के पारा शिक्षकों को एडुटेनमेंट के माध्यम से क्वालिटी एजुकेशन देने का जो प्रशिक्षण दिया गया है, उसके कई फायदे हुए हैं. ़प्रधानाध्यापिका ने केजीवीके से शिक्षकों की संख्या बढ़ाने में मदद की अपील की़.

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