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नगर निगम किसी की जागीर नहीं : मेयर

रांची : मेयर आशा लकड़ा ने आरोप लगाया कि निगम में जो टेंडर होते हैं, उनमें नियमों काे ताक पर रख कर प्रक्रियाएं पूूरी की जाती है. चूंकि मैं प्रोक्योरमेंट कमेटी की अध्यक्ष हूं, इसलिए मुझे सब कुछ जानने का अधिकार है. झारखंड म्यूनिसिपल एकाउंट पार्ट-ए में मेरे अधिकारों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है. […]

रांची : मेयर आशा लकड़ा ने आरोप लगाया कि निगम में जो टेंडर होते हैं, उनमें नियमों काे ताक पर रख कर प्रक्रियाएं पूूरी की जाती है. चूंकि मैं प्रोक्योरमेंट कमेटी की अध्यक्ष हूं, इसलिए मुझे सब कुछ जानने का अधिकार है. झारखंड म्यूनिसिपल एकाउंट पार्ट-ए में मेरे अधिकारों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है.

मेयर ने कहा कि मैं जब अध्यक्ष हूं तो बेहतर बता पाऊंगी कि शहर के विकास के लिए क्या आवश्यक है. आकलन, मूल्यांकन एवं कानूनी परामर्श के लिए झारखंड म्यूनिसिपल एकाउंट पार्ट-ए के नियम-78 के 2 में अध्यक्ष को अधिकार दिया गया है. इसके लिए मुझे एक्सपर्ट बुलाने का भी अधिकार है. यह भी अधिकार है कि टेंडर में विसंगतियां एवं नियम संगत नहीं होने पर टेंडर रद्द कर सकती हूं. वहीं, नियम-89 का 12 कहता है कि टेंडर नवीकरण से पूर्व उनकेे द्वारा किये गये कार्यों का मूल्यांकन, अाकलन एवं विधि संगत है या नहीं. इसके बावजूद नियम-89 का 12 का पालन नहीं किया गया है.
जिसे टेंडर दिया गया उसे ही करना है मेंटेनेंस
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि झारखंड म्यूनिसिपल एकाउंट नियम-91 कहता है कि अगर किसी एजेंसी या कंपनी को कोई कार्य दिया गया है, तो उसी के द्वारा मेंटेनेंस का कार्य भी करना है. ऐसी स्थिति में किसी अन्य एजेंसी को या कंपनी को काम नहीं दिया जा सकता है. यानी इस नियम के तहत ब्राइट न्यून उन एलइडी लाइट का मेंटेनेंस कार्य नहीं कर सकती है, जिन्हें सूर्या कंपनी द्वारा लगाया गया है. उन्होंने कहा कि अपेंडिक्स-2 का 4.2 यह कहता है कि टेंडर की प्रक्रिया कैसी होनी चाहिए. इसमें 15 प्रक्रियाएं है, लेकिन प्रोक्योरमेंट कमेटी के समक्ष इन विषयों को नहीं लाया गया. यह भी नियम के खिलाफ है.
मुझे गुमराह किया गया
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि टेंडर नवीकरण के समय बोर्ड की बैठक में मुझे गुमराह किया गया. अधिकारियों द्वारा प्री-बीड से पहले की प्रक्रिया के बारे में नहीं बताया गया, जिससे मैं भ्रम वश इसमें सहमति दे दी. मुझसे गलती हुई है, जिसे मैं स्वीकार करती हूं. लेकिन जनप्रतिनिधियों को गुमराह करना गलत है, क्योंकि जनप्रतिनिधि जनता के बीच जाता है. जनता उससे सवाल पूछती है.
निविदा में सीसीटीवी का उल्लेख नहीं
मेयर ने कहा कि टेंडर में होल्डिंग व सीसीटीवी कैमरा साथ लगाना है, इसका उल्लेख टेंडर में नहीं है. होर्डिंग की चौड़ाई का उल्लेख तो है, लेकिन इसकी ऊंचाई के बारे में नहीं बताया गया है. सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाया जाना तो ठीक है, लेकिन इसकी जानकारी निविदा में तो होनी ही चाहिए.

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