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सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के विरोध में किसी हद तक जायेंगे

दो टूक. आजसू बुद्धिजीवी मंच की बैठक में सुदेश कुमार महतो ने कहा आजसू की ओर से कहा गया कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में पार्टी किसी भी हद तक जायेगी़ पार्टी ने इस मुद्दे पर जन संवाद का निर्णय लिया है़ इसके लिए जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे़ पार्टी सीएनटी-एसपीटी […]

दो टूक. आजसू बुद्धिजीवी मंच की बैठक में सुदेश कुमार महतो ने कहा
आजसू की ओर से कहा गया कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में पार्टी किसी भी हद तक जायेगी़ पार्टी ने इस मुद्दे पर जन संवाद का निर्णय लिया है़ इसके लिए जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे़ पार्टी सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर लोगों की जनभावना जानेगी़
रांची : पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किया गया संशोधन राज्य के अस्तित्व के लिए खतरा है़ हमने हर मंच, हर सभा, हर पटल पर संशोधन का विरोध किया है़ संशोधित विधेयक को लेकर हम किसी हद तक जा सकते है़ं श्री महतो रविवार को पार्टी बुद्धिजीवी मंच के कार्यकारिणी की बैठक में बोल रहे थे़ उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी मंच आजसू पार्टी की रीढ़ है़
मंच पार्टी को बौद्धिक शक्ति प्रदान करता है़ पार्टी को सींचने का काम करता है़ संगठन को आगे बढ़ाने में बुद्धिजीवी मंच की भूमिका अहम रही है़ बैठक में तय किया गया कि मंच सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर जनसंवाद कायम करेगी़ जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे़ पार्टी इसको संशोधन को लेकर जनभावना जानेगी़
19–20 दिसंबर, 2016 को आजसू बुद्धिजीवी मंच के राज्य स्तरीय प्रखंड पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया है़ बैठक में मंच के केंद्रीय अध्यक्ष बीके चांद ने कहा कि पार्टी का विस्तार बूथ स्तर तक किया जायेगा़ झारखंड निर्माण के लिए लोगों को जोड़ा जायेगा़
प्रखंड एवं पंचायत स्तर तक कमेटी बनायी जायेगी़ पार्टी अंतिम व्यक्ति से जुड़ कर काम करेगी़ बैठक में डोमन सिंह मुंडा, अजय मलकानी, डॉ देवशरण भगत, डाॅ यूसी मेहता, बिनोद शर्मा, शम्भू सिंह, विजय सिन्हा, के प्रधान, हिमांशु महतो, कृष्णा सिंह, जे एन सिंह, आर आर सिन्हा, रमेश महतो, वकील महतो मौजूद थे़
रांची. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से उनके अावास पर मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आदिवासियों की धार्मिक-सांस्कृतिक परंपरा विलुप्त होने की कगार पर है. इसके कारण आदिवासी सरना समाज की पहचान और अस्मिता खतरे में है. इसे बचाने के लिए छह सूत्री मांग मुख्यमंत्री से की गयी.
इनमें सरना धर्म कोड लागू करने, धर्मांतरण बिल लागू करने, धर्मांतरित आदिवासियों को आरक्षण के लाभ से वंचित करने, धार्मिक स्थलों से अतिक्रमण हटाने, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए घेराबंदी व धुमकुड़िया बनाने के लिए समय सीमा निर्धारित करने की मांग की गयी. साथ ही यह भी कहा गया कि आदिवासी महिला की गैर आदिवासी से उत्पन्न संतान को आदिवासी लाभ से वंचित किया जाये.
मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में संदीप उरांव, सुनील फकीरा, मेघा उरांव, बबलू मुंडा, शोभा कच्छप, भीख उरांव, आकाश उरांव, बिंदेश्वर उरांव, कृष्णकांत टोप्पो, कैलाश केशरी, विश्वास उरांव, रामदास उरांव समेत कई लोग शामिल थे.

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