रांची: झारखंड राज्य को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए और प्रयास करने होंगे. उत्पादन में लगातार वृद्धि दर्ज की गयी है. इस वृद्धि से ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिल रही है तथा रोजगार के नये-नये अवसर भी पैदा हो रहे हैं.
वर्तमान प्रयास से राज्य की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही है. जानकारी के अनुसार राज्य में मछली की मांग लगभग 1.50 लाख मीट्रिक टन (एमटी) है, जबकि राज्य में उत्पादन 96,660 मीट्रिक टन तक ही पहुंच पाया है.
हालांकि सरकार ने वार्षिक लक्ष्य एक लाख एमटी तय किया था. उल्लेखनीय है कि झारखंड राज्य गठन के समय मछली उत्पादन सिर्फ 14000 एमटी था. उधर राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2013-2014 के लिए 1.10 लाख एमटी लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य हासिल करने के लिए पशुपालन एवं मत्स्य (गव्य विकास सहित) विभाग भी जुट गया है.