केस जिलानी अंसारी ने दर्ज कराया था. प्राथमिकी में आरोप था कि जिलानी अंसारी ने अजमीर अंसारी के साथ मिल कर खिजुरटोला में मधुकर सिंह से 56. 6 डिसमिल जमीन लेने का एग्रीमेंट किया था. एग्रीमेंट के समय 10 लाख रुपये नकद भुगतान किया गया था. इसके अलावा पोस्ट डेटेड चेक से 10 लाख और दिये गये थे.
जब दोनों जमीन पर काम करने लगे, तब नरेंद्र गोप और राज कुमार दूबे वहां जमीन का पेपर लेकर पहुंचे और जिलानी अंसारी को बताया कि मधुकर सिंह का बेटा सचिन कुमार हमें जमीन का पावर ऑफ एटर्नी दे चुके हैं और इसके एवज में उन्हें 41 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है. मामले की जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों ने पाया कि मधुकर सिंह और उनके पुत्र ने गलत तरीके से धोखाधड़ी की मंशा से ऐसा किया था. रुपये मांगने पर मधुकर सिंह और उनके पुत्र अपने अन्य सहयोगियों के साथ जिलानी अंसारी के पास पहुंचे और जान मारने की धमकी दी.