जुवेनाइल जस्टिस एक्ट आैर सीआरपीसी की धाराअों का पूरी तरह से अनुपालन करने के लिए कहा. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि नाबालिगों के साथ शालीन व्यवहार करने, उन्हें प्रताड़ित करने से रोकने की दिशा में क्या कदम उठाया गया है.
पुलिस हिरासत में प्रताड़ना की घटनाअों पर रोक लगनी चाहिए. भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं हो, उसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. क्या कदम उठाये गये हैं, उसकी पूरी जानकारी दी जाये. इससे पूर्व गृह विभाग की अोर से विशेष अधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि कार्य योजना तैयार कर ली गयी है. प्रशिक्षण कार्यक्रम का कैलेंडर तैयार कर लिया गया है. सभी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जायेगा. मालूम हो कि पुलिस हिरासत में नाबालिगों पर अत्याचार से संबंधित घटनाअों को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.