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जाम की चिंता छोड़, बाकी सब करती है ट्रैफिक पुलिस
सिर्फ योजना बनी, क्रियान्वयन नहीं रांची : राजधानी रांची की यातायात व्यवस्था सुधारने के नाम पर यातायात पुलिस कभी यमराज को साथ लेकर घूमती है, तो कभी नारद को. कभी लोगों के बीच पौधे बांट कर यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करती है. फिलहाल यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के लिए पिंक […]
सिर्फ योजना बनी, क्रियान्वयन नहीं
रांची : राजधानी रांची की यातायात व्यवस्था सुधारने के नाम पर यातायात पुलिस कभी यमराज को साथ लेकर घूमती है, तो कभी नारद को. कभी लोगों के बीच पौधे बांट कर यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करती है. फिलहाल यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के लिए पिंक ऑटो चालकों के साथ मिल कर ‘राइड विद प्राइड’ अभियान चलाया जा रहा है.
अगर कहें कि राजधानी रांची की यातायात पुलिस अपना मूल काम छोड़कर बाकी सारे काम करती है, तो गलत नहीं होगा. क्योंकि अब तक ऐसा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा, जिससे शहर को जाम से पूरी तरह से मुक्ति मिल सके.
ये हाल है!
05 जनवरी 2015 को तत्कालीन डीआइजी की अध्यक्षता में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर हुई थी बैठक
बैठक के दौरान यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए दिये गये सुझाव फाइलों में ही दब कर रह गये
ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह से बातचीत
एक माह से अधिक समय से राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या क्यों बढ़ गयी है?
वर्तमान में ट्रैफिक जाम का मूल कारण मौसम है. बारिश में लोग जहां-तहां रुक जाते हैं. बारिश छूटने के बाद अचानक गाड़ियों का लोड सड़क पर बढ़ जाता है, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है. जहां-तहां सड़क पर निर्माण कार्य होने की वजह से भी जाम की समस्या बढ़ी है.
सड़क के किनारे अवैध रूप से खड़ी गाड़ियों की वजह से भी जाम लग रहा है, पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती है?
समय के अनुसार ट्रैफिक पुलिस की प्राथमिकता बदलती रहती है. इसलिए पुलिस सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियों को जब्त करने का जुर्माना वसूलने की कार्रवाई नहीं कर पाती है.
ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए कई नियम बने, लेकिन इनका पालन क्यों नहीं हुआ?
ट्रैफिक सुधारने के लिए लेकर कई नियम बने हैं, लेकिन जहां तक वन करने की बात है, मैंने पिछले रविवार को सड़कों का बाइक से निरीक्षण किया है. स्थानीय लोगों से बातचीत किया है. जल्द ही कुछ सड़कों को वन वे किया जायेगा.
वे काम, जो ट्रैिफक पुलिस ने अब तक नहीं किये
शहर के महत्वपूर्ण मार्गों को वन वे किया जाना था. यह काम प्रयोग
के तौर पर 14 जनवरी, 2015 से होना था, लेकिन यह काम आज
तक नहीं हुआ.
स्कूल बसों का रूट और स्टॉपेज ट्रैफिक पुलिस को निर्धारित किया जाना था. इस काम के लिए एक टीम बनी थी, लेकिन यह काम आज तक नहीं हो सका.
पुलिस लगातार एंटी एनक्रोचमेंट अभियान चलाये, लेकिन यह काम लगातार नहीं करती है.
– राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ स्थानीय थाना की पुलिस का अटैच किया गया था. इससे संबंधित आदेश तत्कालीन एसएसपी प्रभात कुमार ने निकाला था, लेकिन यह काम नहीं हो रहा.
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