रांची: आरआरडीए की ओर से जारी किये गये नोटिस में बिल्डरों और भवन मालिकों से कहा गया है कि वे अपने भवन का नक्शा आरआरडीए में जमा करें. अन्यथा आरआरडीए ऐसे भवनों को अवैध मानते हुए कार्रवाई प्रारंभ करेगा.
इधर, अवैध निर्माण वालों को नोटिस भेजने में भी आरआरडीए के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं. आरआरडीए के कनीय अभियंताओं ने पिछले तीन माह में 40 अवैध निर्माण की जांच रिपोर्ट अपने अधिकारियों को सौंपी है. इस रिपोर्ट में भी काफी गड़बड़झाला है. रिपोर्ट में अवैध निर्माताओं का स्पष्ट और पूरा पता ही नहीं लिखा हुआ है. ऐसे में जो भी नोटिस आरआरडीए के द्वारा इन भवन निर्माताओं को भेजा रहा है, उसमें से कई नोटिस वापस आ रहे हैं.
जांच में हुआ खुलासा, अवैध निर्माणों की भरमार है क्षेत्र में : आरआरडीए के चेयरमैन परमा सिंह ने दो सप्ताह पहले ही नामकुम के अंबेडकरनगर, तेतरी टोली और अमेठिया नगर सहित ओरमांझी के आेयना गांव का निरीक्षण किया था. निरीक्षण में पाया गया कि इन इलाकों में जो अपार्टमेंट या टाउनशिप बने हैं, उनमें से अधिकतर का नक्शा स्वीकृत ही नहीं है. बिल्डर बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर यहां आड़े-तिरछे भवन बनवा रहे हैं. इस पर चेयरमैन ने आरआरडीए के इंजीनियरों को निर्देश दिया था कि सभी पर यूसी केस दर्ज कर कार्रवाई करें.
लापरवाही के कुछ नमूने
आरआरडीए के कनीय अभियंताओं ने अवैध निर्माण की जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें छह से अधिक भवन मालिकों के पते की जगह पर केवल नामकुम लिखा हुआ है. वहीं, आठ भवन मालिकों के पते की जगह पर केवल ओरमांझी लिखा हुआ है. इसके अलावा, चार निर्माताओं के पते वाली जगह केवल रातू लिखा हुआ है. नियमत: ऐसे अवैध निर्माणों के पते के स्थल पर कम से कम मोहल्ले का नाम, पोस्ट ऑफिस या थाना लिखा जाना जरूरी है.