वह शनिवार को श्रीकृष्ण लोक प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में आयोजित भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण की रांची फिल्ड स्टेशन कार्यालय के रजत जयंती समारोह में बोल रहे थे. डाॅ उरांव ने कहा कि आज मानव विज्ञान को जिन ऊंचाइयों पर जाना चाहिए था, वह नहीं जा पाया है. जनजातीय व अन्य विषयों पर गंभीर अध्ययन की परंपरा रही है. शोध कार्यों को आैर अधिक तल्लीनता व गहनता से करने की जरूरत है. मनुष्य का संपूर्ण अध्ययन ही मानव विज्ञान है. रांची के फिल्ड स्टेशन कार्यालय में 17 पद सृजित है, लेकिन आज तक नहीं भरे गये. डाॅ उरांव ने राज्य सरकार की अोर से हर संभव सहयोग देने की बात कही. इससे पूर्व जनजातीय कल्याण व शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डाॅ प्रकाश चंद्र उरांव ने कहा कि 25 वर्ष में फिल्ड स्टेशन कार्यालय ने काफी संघर्ष किया है. डाॅ रामदयाल मुंडा ने रांची विवि के जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग में फिल्ड स्टेशन कार्यालय के लिए जगह दी थी. मानव विज्ञान के क्षेत्र में डॉ एलपी विद्यार्थी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. उन्होंने आदिवासी विद्यार्थियों को आवाज दी. जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में युवा शैक्षणिक स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन उनकी प्रतिभा का कोई उपयोग नहीं हो रहा है. रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
अधिकतर पद खाली रखे गये. प्रो पीडी शर्मा की अध्यक्षता में झारखंड के जनजातीय परिदृश्य में परिवर्तन विषय पर प्रथम तकनीकी सत्र संपन्न हुआ. प्रो विजय प्रकाश शर्मा व प्रो कंचन राय ने शोधपरक आलेख प्रस्तुत किया. वहीं दूसरे सत्र में जनजातीय विकास पर सामूहिक चर्चा हुई. इस चर्चा में सिद्धो-कान्हो मुरमू विवि के प्रति कुलपति डाॅ एसएन मुंडा, डाॅ आरके तिवारी, डाॅ सोमा सिंह मुंडा, डाॅ गिरिधारी राम गोंझू आदि शामिल हुए. कार्यक्रम के अंत में रूंबुल ग्रुप के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर आकाशवाणी रांची की शकुंतला मिश्रा, कोलकाता के कार्यालय अध्यक्ष डाॅ डीएन पांडेय आदि उपस्थित थे.