सांप काटने के इलाज में न्यूनतम 60 हजार रुपये खर्च होता है. वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 की धारा में वन्य जंतु को परिभाषित किया गया है. अनुसूची दो के क्रमांक 10-14 तक में धामन, गेंहुअन, किंग कोबरा, रसल वाइपर जैसे झारखंड में पाये जानेवाले सांप शामिल हैं. अनुसूची चार के क्रमांक 12 में झारखंड में पाये जानेवाले करैत अादि शामिल है.
झारखंड में पाये जानेवाले वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट मे वन्य जंतु की परिभाषा के दायरे में आते हैं. इसलिए हाथी की तरह सांप से भी होनेवाले जान-माल के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए. हाथी द्वारा पूरा गांव प्रभावित होता है, इसलिए इससे नुकसान होने पर लोग सामूहिक रूप से आवाज उठाते हैं. पर सांप से सिर्फ एक व्यक्ति और उसका परिवार प्रभावित होता है, इसलिए सांप काटने से होनेवाले नुकसान पर सामूहिक तौर पर आवाज नहीं उठता है. ओड़िशा में सांप काटने पर चार लाख रुपये तक मुआवजा मिलता है.