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इंदिरा आवास से अपेक्षित लाभ नहीं
विचार. एटीआइ सभागार में कार्यशाला, ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा रांची : ग्रामीण विकास विभाग का काम ग्रामीण परिवेश के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम कर लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है. आज की कार्यशाला का भी यही उद्देश्य है. इसके जरिये ग्रामीणों के अनुकूल बेहतर मकान के मॉडल का चयन होना है. […]
विचार. एटीआइ सभागार में कार्यशाला, ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा
रांची : ग्रामीण विकास विभाग का काम ग्रामीण परिवेश के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम कर लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है. आज की कार्यशाला का भी यही उद्देश्य है. इसके जरिये ग्रामीणों के अनुकूल बेहतर मकान के मॉडल का चयन होना है. पहले के इंदिरा आवास का अपेक्षित लाभ नहीं मिल सका है. देखा गया है कि इन आवासों का जितना उपयोग होना चाहिए था, उतना नहीं हो रहा है. इसलिए आवास की यह नयी योजना शुरू हो रही है.
ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने यह कहा. वह शनिवार को एटीआइ सभागार में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. विभाग की अोर से आयोजित यह कार्यशाला प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बेहतर व सस्ते घरों के विकास के संबंध में आयोजित थी. मंत्री ने कहा कि नयी योजना का मकसद गरीब लोगों को बढ़िया घर देना है, जिसका निर्माण वह खुद करेंगे.
गरीबों के लिए आवास ठेकेदार नहीं, लोग अब खुद बनायेंगे
विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गरीबों के लिए आवास ठेकेदार नहीं, लोग बनाएंगे. सरकार ने ज्यादा बजट के साथ ज्यादा घर बनाने का निर्णय लिया है.
पहले इंदिरा आवास योजना में 50-60 हजार घर प्रतिवर्ष बनते थे, अब करीब डेढ़ लाख हर वर्ष बनेंगे. आवास निर्माण के लिए फंड भी करीब 700 करोड़ से बढ़ा कर 1700 करोड़ कर दिया गया है. सचिव ने कहा कि स्थानीय सामग्रियों से ही ये मकान बनेंगे. वहीं इन सामग्रियों (बांस व अन्य) को भी शिड्यूल अॉफ रेट में शामिल किया जायेगा. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में आवास प्रभाग के निदेशक बीसी बेहरा ने कहा कि अपना घर बनाने संबंधी जनजातीय लोगों के पारंपरिक ज्ञान तथा शहरों की आधुनिक तकनीक के बीच सामंजस्य बैठाना हमारी चुनौती है.
कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग देनेवाली संस्था यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) की उप निदेशक (कंट्री) मारिना वाल्टन ने कहा कि सरकार में गरीबों को बेहतर आवास देने की इच्छाशक्ति व नेतृत्व दोनों दिख रहे हैं. इसलिए इस काम में राज्य सरकार के सहयोग से सफलता जरूर मिलेगी. कार्यक्रम में विभाग के विशेष सचिव पारितोष उपाध्याय, विशेष सचिव बी निजलिंगप्पा, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी तथा उप सचिव नीलम लता सहित विभाग के अन्य पदाधिकारी तथा राज्य भर से अाये बीडीअो व अन्य उपस्थित थे.
तीन संस्थाअों ने बनाया डिजाइन : तीन संस्थाअों ने झारखंड के हर प्रमंडल के दौरे के बाद इन घरों का डिजाइन तैयार किया है, जिन्हें शनिवार को कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित किया गया. मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी इन्हें देखा. बाद में संस्थाअों ने डिजाइन संबंधी प्रजेंटेशन भी दिया.
इन डिजाइनों पर लोगों व आवास निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों की सलाह के लिए कार्यशाला अायोजित की गयी थी. घरों का डिजाइन भुज, गुजरात की संस्था हुनरशाला फाउंंडेशन, अहमदाबाद की पीपुल इन सेंटर तथा अौरोविले, पुडुचेरी की बिल्डअॉर ने तैयार किया है.
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