यह कहना है कि घटना के शिकार पिपराचौड़ा बस्ती निवासी मो सदरुद्दीन का. मो सदरुद्दीन सेना से रिटायर्ड हैं. लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे हैं और उन्होंने कई बार आतंकियों का मुकाबला किया है. वह बताते हैं : रात में अपने घर में दो बेटा और एक बेटी के साथ थे. हमें इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि गांव में क्या घटना हुई है. अचानक 50 से 60 की संख्या में लोग उनके घर में घुस आये. वह कुछ समझ पाते, इससे पहले ही हमलावर तोड़-फोड़ और लूटपाट करने लगे. वे लोग विरोध तक नहीं कर पाये. हमलावरों ने उनके घर से छह तोला सोना और 50 हजार रुपये नकद लूट लिये. फिर घर में आग लगा दी.
कहां जायें, समझ में नहीं आ रहा था. नीचे हमलावर खून के प्यासे थे, लेकिन उन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया. छत के ऊपर दीवार से सट कर बैठे रहे. जब घर में रखा पूरा सामान सुबह तक जल कर पूरी तरह राख हो गया और आग शांत हो गयी, तब वह अपने परिवार के साथ नीचे आये. इसके बाद किसी तरह बाहर निकले. मो सदरुद्दीन खान ने बताया कि वह सेना में रहते जम्मू-कश्मीर से लेकर देश के कई वैसे इलाके में रहे, जहां आतंकी गतिविधियां रही थीं. जम्मू-कश्मीर में रहते हुए कई आतंकी घटनाओं को भी देखा. उन्होंने कहा आतंकी इतने खतरनाक नहीं होते हैं. वे भी किसी को बचने का समय देते हैं, लेकिन उनके घर में हमला करनेवाले लोग उससे भी ज्यादा खतरनाक लग रहे थे. वह हमला करनेवाले में शामिल किसी को नहीं पहचानते थे. आग लगने से जहां उनके घर में रखे सामान और बाइक जल कर राख हो गयीं, वहीं दूसरी ओर बैंक एफडी, बैंक के पासबुक सहित अन्य कीमती सामान भी जल कर बरबाद हो गये.