17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आतंकियों जैसे थे इरादे, जिंदा जलाना चाहते थे लोग : सदरुद्दीन

रांची: नेवरी गांव निवासी मो नसीम की हत्या के विरोध में पिपराचौड़ा बस्ती के घरों में आगजनी और तोड़-फोड़ करनेवाले हमलावरों के इरादे आंतकियों से भी खतरनाक थे. वे परिवार सहित लोगों को जिंदा जलाना चाहते थे. यह कहना है कि घटना के शिकार पिपराचौड़ा बस्ती निवासी मो सदरुद्दीन का. मो सदरुद्दीन सेना से रिटायर्ड […]

रांची: नेवरी गांव निवासी मो नसीम की हत्या के विरोध में पिपराचौड़ा बस्ती के घरों में आगजनी और तोड़-फोड़ करनेवाले हमलावरों के इरादे आंतकियों से भी खतरनाक थे. वे परिवार सहित लोगों को जिंदा जलाना चाहते थे.

यह कहना है कि घटना के शिकार पिपराचौड़ा बस्ती निवासी मो सदरुद्दीन का. मो सदरुद्दीन सेना से रिटायर्ड हैं. लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे हैं और उन्होंने कई बार आतंकियों का मुकाबला किया है. वह बताते हैं : रात में अपने घर में दो बेटा और एक बेटी के साथ थे. हमें इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि गांव में क्या घटना हुई है. अचानक 50 से 60 की संख्या में लोग उनके घर में घुस आये. वह कुछ समझ पाते, इससे पहले ही हमलावर तोड़-फोड़ और लूटपाट करने लगे. वे लोग विरोध तक नहीं कर पाये. हमलावरों ने उनके घर से छह तोला सोना और 50 हजार रुपये नकद लूट लिये. फिर घर में आग लगा दी.

घर में आग लगाने के दौरान हमलावरों ने उन्हें और उनके परिवार को घर से निकलने नहीं दिया. बाहर से कमरे का दरवाजा बंद कर दिया, ताकि वे जिंदा ही जल कर मर जायें. आग लगने के बाद उन्होंने बचने के लिए इधर-उधर भागने का प्रयास किया. लेकिन वे कमरे से बाहर नहीं निकल सके. आग लगने की वजह से उनका कान झुलस गया. उनकी बेटी भी मामूली रूप से झुलस गयी है.
सदरुद्दीन बताते हैं हमलावरों के जाने के बाद किसी तरह बच्चों को लेकर वह छत के ऊपर चढ़ गये. आसपास के लोगों को बचाने के लिए चिल्लाने लगे, तब उन्होंने देखा कि दूसरे घरों में भी आग लगी हुई है. जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भाग रहे थे. तब उन्हें एेसा लग रहा था कि अब उनका और उनके परिवार का बचना मुश्किल है.

कहां जायें, समझ में नहीं आ रहा था. नीचे हमलावर खून के प्यासे थे, लेकिन उन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया. छत के ऊपर दीवार से सट कर बैठे रहे. जब घर में रखा पूरा सामान सुबह तक जल कर पूरी तरह राख हो गया और आग शांत हो गयी, तब वह अपने परिवार के साथ नीचे आये. इसके बाद किसी तरह बाहर निकले. मो सदरुद्दीन खान ने बताया कि वह सेना में रहते जम्मू-कश्मीर से लेकर देश के कई वैसे इलाके में रहे, जहां आतंकी गतिविधियां रही थीं. जम्मू-कश्मीर में रहते हुए कई आतंकी घटनाओं को भी देखा. उन्होंने कहा आतंकी इतने खतरनाक नहीं होते हैं. वे भी किसी को बचने का समय देते हैं, लेकिन उनके घर में हमला करनेवाले लोग उससे भी ज्यादा खतरनाक लग रहे थे. वह हमला करनेवाले में शामिल किसी को नहीं पहचानते थे. आग लगने से जहां उनके घर में रखे सामान और बाइक जल कर राख हो गयीं, वहीं दूसरी ओर बैंक एफडी, बैंक के पासबुक सहित अन्य कीमती सामान भी जल कर बरबाद हो गये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें