आदिवासी सेना का शपथ ग्रहण समारोह
रांची : स्वामी अग्निवेश ने कहा कि स्थानीय नीति का गजट नाेटिफकेशन आदिवासियों का डेथ वारंट है़ बंदूक नहीं, कलम की नोंक से उनका अस्तित्व मिटाया जा रहा है़ इस नीति का मकसद है कि आदिवासियों को समाप्त कर दें और दूसरों को खुली छूट दे़ं न जाने क्यों आज आदिवासियों की संस्कृति मौन रुदन हो गयी है़
कोई नहीं बोलता़
उन्होंने कहा कि जिन नेताओं को चुन कर भेजते हैं, वे भी जिस पार्टी में जाते हैं, उसके बंधुआ मजदूर बन जाते है़ं आदिवासी हित के सवालों पर नहीं बोलते़, जबकि आम आदिवासी दर-दर की ठोकरें खा रहा है़ वह शनिवार को आदिवासी सेना के शपथ ग्रहण समारोह में बोल रहे थे़ इसका गठन पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की की पहल पर किया गया है़
बंधु तिर्की ने कहा कि इस सेना का गठन आदिवासी सवालों पर संघर्ष के लिए किया गया है़ अक्तूबर तक रांची में इसकी सदस्यता 10 हजार करेंगे़ अन्य जिलों में भी इसका गठन किया जायेगा़ दस नवंबर को विधानसभा मैदान में महासम्मेलन की योजना है़ आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के पीसी मुरमू व विक्टर माल्टो ने कहा कि इस सेना की लड़ाई संविधान के दायरे में लड़ी जायेगी़दयामनी बारला ने कहा कि काॅरपोरेट घरानों ने आदिवासी एकता को तोड़ना सीख लिया है़
लैंड बैंक उनके लिए नहीं, हमारे लिए बनना चाहिए़ हमारे आंदोलन को समाप्त करने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी लगी है़ फैसल अनुराग, वासवी किड़ो व प्रभुदयाल बड़ाईक ने आदिवासी हितों के खिलाफ चल रहे षड़यंत्रों की जानकारी दी़ लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया़ शनिवार को अजय तिर्की ने अध्यक्ष, चिलगू उरांव ने उपाध्यक्ष पद की शपथ ली़ अन्य पदाधिकारियों का भी मनोनयन किया गया़