19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं को तकलीफ न हो : कोर्ट

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने कहा है कि श्रावणी महोत्सव के दौरान देवघर में ऐसी व्यवस्था की जाये, जिससे किसी भी श्रद्धालु या कांवरिया को कोई तकलीफ नहीं हो पाये. वहां से लाैट कर आनेवाले श्रद्धालु व्यवस्था की तारीफ करते नजर आये. पूर्व की व्यवस्था से हट कर सबसे अलग आैर बेहतर व्यवस्था की जाये. […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने कहा है कि श्रावणी महोत्सव के दौरान देवघर में ऐसी व्यवस्था की जाये, जिससे किसी भी श्रद्धालु या कांवरिया को कोई तकलीफ नहीं हो पाये. वहां से लाैट कर आनेवाले श्रद्धालु व्यवस्था की तारीफ करते नजर आये. पूर्व की व्यवस्था से हट कर सबसे अलग आैर बेहतर व्यवस्था की जाये. 17 जुलाई से 15 अगस्त तक श्रावणी महोत्सव है.

इसकी पूरी तैयारी पर हाइकोर्ट लगातार नजदीकी नजर रखेगा. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में बुधवार को श्रावणी महोत्सव की व्यवस्था को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हो. खंडपीठ ने सरकार को एक्शन प्लान व वर्क प्लान तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. राज्य सरकार के आग्रह को देखते हुए अपने आठ मई 2002 के आदेश को संशोधित कर दिया. साथ ही पूर्व डीजीपी टीपी सिन्हा की अध्यक्षता में गठित बाबा बैद्यनाथ मंदिर मैनेजमेंट बोर्ड को भंग कर दिया.

सात जुलाई तक तैयारी पूरी कर लें : खंडपीठ ने कहा : वैष्णो देवी व तिरूपति बालाजी मंदिर में जिस तरह की सुविधाएं हैं, वैसी ही व्यवस्था बाबा बैद्यनाथ मंदिर, बाबा बासुकिनाथ मंदिर और उसके आसपास के इलाकों में की जाये. क्षेत्र का विकास किया जाये. पूरी तैयारी सात जुलाई तक कर ली जाये. पैसे खर्च करें, पर तैयारी में कोई कमी नहीं रहे.
मैनेजमेंट बोर्ड का कोई औचित्य नहीं : खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा : सरकार ने बाबा बैद्यनाथ धाम, बाबा बासुकीनाथ मंदिर श्राइन एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी एक्ट-2015 के तहत प्राधिकार व एग्जिक्यूटिव काउंसिल का गठन कर दिया है. बोर्ड ने पिछले 14 वर्ष में मंदिर प्रबंधन व श्रद्धालुअों की सुविधा के लिए काेई उल्लेखनीय कार्य भी नहीं किया है. ऐसी परिस्थिति में पूर्व में गठित मैनेजमेंट बोर्ड को बनाये रखने का अब कोई आैचित्य नहीं है.
सफाई, ट्रैफिक और मेडिकल पर विशेष ध्यान दिया जाये : खंडपीठ ने देवघर के उपायुक्त अरवा राजकमल से तैयारियों की पूरी जानकारी ली. कहा : होल्डिंग प्वाइंट में घुसने के बाद प्रत्येक श्रद्धालु को अोआरएस का पैकेट व एक बोतल पानी दिया जाये. मेडिकल की सुविधा उपलब्ध करायें. चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टॉफ हमेशा तैनात रहें. 200, 300, 400 या 500 श्रद्धालुअों का ग्रुप बना कर मंदिर परिसर में प्रवेश कराया जा सकता है. इसे बोर्ड पर डिस्पले भी किया जाये. देवघर में साफ-सफाई, ट्रैफिक के परिचालन व मेडिकल सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाये. मंदिर जानेवाले मार्गों में ऐसी व्यवस्था की जाये कि किसी श्रद्धालु अथवा सामान्य जन को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े.
अगली सुनवाई 19 मई को : खंडपीठ ने वीआइपी दर्शन पर रोक पर कहा : यदि बाबा मंदिर में वीआइपी दर्शन बंद हो गया है, तो आगे आइएएस व आइपीएस की पत्नियां वीआइपी दर्शन करते दिखेंगी, तो उसे गंभीरता से लिया जायेगा. वीआइपी दर्शन से किसी को तकलीफ नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. महोत्सव के शुरू होने के दो-तीन दिन पहले से लेकर 15 अगस्त तक उपायुक्त छुट्टी नहीं लेंगे. मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी. राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार, मैनेजमेंट बोर्ड की अोर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पक्ष रखा. झारखंड हाइकोर्ट ने प्रभात खबर में प्रकाशित खबर को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पंडा धर्म रक्षिणी सभा व राज्य सरकार की अोर से भी याचिका दाखिल की गयी थी. सभी याचिकाअों पर एक साथ सुनवाई हुई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें