पर इसी जमीन का खतियान शेख जमीर के नाम से निकाल लिया गया. मामले का खुलासा तब हुआ, जब जमीन पर चल रहा बोरिंग का कार्य यह कह कर रोकवा दिया गया कि यह जमीन शेख फकीर के नाम से नहीं बल्कि शेख जमीर के नाम से है. बोरिंग कार्य करवा रहे खतियानी रैयत युसूफ खान ने अनगड़ा थाने में इसकी शिकायत की, लेकिन पुलिस ने इसे विवादास्पद मामला बताया. इसके बाद इसी खतियान के खतियानी रैयत हेसल निवासी मुस्तफा अंसारी ने उप समाहर्ता, रांची के कार्यालय में दोनों खतियान की छायाप्रति के साथ अावेदन दिया तथा पूछा कि सही खतियान कौन है.
इस पर उप समाहर्ता ने जवाब दिया कि कब्जवारी कॉलम में लिपिकीय भूलवश शेख फकीर के स्थान पर शेख जमीर अंकित हो गया था. इधर, असली रैयत की शिकायत पर शेख जमीर की जमीन बता कर निजी कार्य में बाधा डालने वाले समसूल अंसारी, आजाद अंसारी व शाहिद अंसारी सहित जिला अभिलेखागार के प्रति लिपिकार, तुलना लिपिक व अन्य के खिलाफ अनगड़ा थाने में प्राथमिकी (कांड संख्या – 39/16) दर्ज की गयी है.