बैठक में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के आधार पर सिलेबस बनाने पर विचार किया गया. इसके लिए बोर्ड अॉफ स्टडीज के गठन का निर्णय लिया गया. इसमें दो सदस्य बाहर के होंगे. प्रभारी कुलपति ने संबंधित अधिकारियों को पांच मई 2016 तक बोर्ड अॉफ स्टडीज का गठन करने का निर्देश दिया. ताकि 20 मई 2016 तक सिलेबस तैयार कर लेना है. बैठक में डीएसडब्ल्यू डॉ एससी गुप्ता, डीन डॉ करमा उरांव, डॉ एसएमएनपी सिंह शाही, डॉ बीएम साहु, परीक्षा नियंत्रक डॉ एके झा आदि उपस्थित थे. संत जेवियर्स कॉलेज में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू कर दिया गया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पूरे देश के पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने के उद्देश्य से ही सभी विवि में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया है.
उसे बस तय क्रेडिट अंक पूरे करने होंगे. च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत पूरे छह महीने विद्यार्थियों की पढ़ाई व अन्य ज्ञानवर्धक गतिविधियों का मूल्यांकन होता रहेगा. महीने के बाद टेस्ट लिया जायेगा. विद्यार्थी कक्षा में किस तरह से पढ़ाई कर रहा है, समय-समय पर सारा मूल्यांकन होगा. इसके लिए तिथियां तय कर दी जायेंगी. अगर छात्र किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ता है, तो वो किसी अन्य संस्थान में भी नामांकन लेकर अपने बचे क्रेडिट प्राप्त कर डिग्री पूरी कर सकता है.