रांची: पर्यटन सचिव सजल चक्रवर्ती ने कहा है कि दशम फॉल खतरनाक जगह बन गया है. वहां हालात नियंत्रण से बाहर हैं. इसलिए पर्यटक अपनी रिस्क पर ही वहां जायें. सजल चक्रवर्ती मंगलवार को संवाददाताओं से बात कर रहे थे. सजल ने कहा कि दशम फॉल में आठ-दस दिनों से काफी कचरा जमा हो गया है. नजदीकी गांव पानसकम के लोगों की जिद के कारण सफाई नहीं हो पा रही है. फॉल का इलाका अनहाइजेनिक है.
उन्होंने कहा : छह-सात महीने से पर्यटन विभाग कोशिश कर रहा था कि दशम फॉल सुरक्षित हो सके. गरमी के मौसम में फॉल के दो खतरनाक गड्ढों को भरने का काम शुरू हुआ था, तो गांव के लोगों ने काम रुकवा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि गड्ढों में हमारे बोंगा भगवान रहते हैं, इसलिए इसे नहीं भरने देंगे. पानसकम गांव के लोग पियक्कड़ हैं और उनका रैकेट है. वे नहीं चाहते कि फॉल के आसपास विकास का काम हो. वे फॉल में लोगों के डूबने का इंतजार करते हैं और जब कोई डूबता है तो उसकी लाश निकालने के लिए मनमानी कीमत वसूलते हैं. हाल के दिनों में कई बार दशम फॉल के आसपास के गांवों के ग्रामीणों के साथ बैठक हुई. फॉल के पास 15 ग्रामीणों की टीम (पर्यटक मित्र) बनायी जानी थी. इन्हें प्रतिदिन 170 रुपये की दर से पारिश्रमिक भुगतान किया जाना था, पर इसमें भी पानसकम के लोगों की वजह से रुकावट आ रही है. वहां न तो सेफ पार्किग की व्यवस्था है और न ही शौचालय बन पा रहा है. फॉल के पास रेस्टोरेंट बनाना था. लोहे के जाल लगाने की योजना है, लेकिन ये काम नहीं हो पा रहे हैं. हालांकि, दूसरे गांवों के लोग सभ्य हैं.
पुलिस भी जाने से कतराती है
सजल ने कहा कि दशम फॉल के इलाके में पुलिस भी जाने से कतराती है. नये वर्ष पर वहां एक कंपनी पुलिस फोर्स भेजी गयी है, पर यह रोज नहीं हो सकता. नक्सली घात लगा कर पुलिस के हथियार छीन सकते हैं. दशम में प बंगाल से बहुत पर्यटक आते हैं. वे नेतरहाट, बेतला व दशम को जानते हैं, पर ऐसे हालात रहे, तो पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल सकता.